बहुमत साबित करने से पहले BJP सांसद से मिले अजित पवार, कहा- "यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात"
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 30, 2019 10:18 AM2019-11-30T10:18:28+5:302019-11-30T10:38:49+5:30
एनसीपी नेता ने आज सुबह बीजेपी सांसद से मुलाकात के बाद कहा, "यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी। भले ही हम अलग-अलग पार्टियों से हों, हम सभी एक-दूसरे के साथ संबंध रखते हैं।" इसके आगे उन्होंने कहा है कि फ्लोर टेस्ट पर उनसे कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जैसा कि संजय राउत ने कहा है वैसा ही होगा सरकार आज सदन में बहुमत साबित कर देगी।
महाराष्ट्र में आज उद्धव सरकार को राजभवन में बहुमत साबित करना है। इसी बीच एक खबर आ रही है कि बहुमत साबित करने से पहले NCP नेता अजित पवार भाजपा सांसद प्रतापराव चिकलीकर से आज सुबह मिले हैं। एनसीपी नेता ने आज सुबह उनसे मुलाकात के बाद कहा, "यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी। भले ही हम अलग-अलग पार्टियों से हों, हम सभी एक-दूसरे के साथ संबंध रखते हैं।" इसके आगे उन्होंने कहा है कि फ्लोर टेस्ट पर उनसे कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जैसा कि संजय राउत ने कहा है वैसा ही होगा सरकार आज सदन में बहुमत साबित कर देगी।
Ajit Pawar,NCP on BJP MP Prataprao Chikhalikar met him today morning: It was just a courtesy meet ,even if we are from different parties we all have relations with each others,no discussion on floor test. As Sanjay Raut said,our alliance will prove our numbers today in the house pic.twitter.com/O1JUQbzNFf
— ANI (@ANI) November 30, 2019
इसके अलावा, आपको बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद, शुक्रवार को डिप्टी सीएम के पद को लेकर सहयोगी दलों के बीच ताजा मतभेद सामने आया है। दरअसल, महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन में तीनों दलों के बीच अभी तक सत्ता-साझाकरण व्यवस्था में विभिन्न पदों को लेकर पर सहमति नहीं बन पाई है।
उद्धव के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के एक दिन बाद, शुक्रवार को डिप्टी सीएम के पद को लेकर सहयोगी दलों के बीच एक नई असहमति पैदा हो गई। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने डिप्टी सीएम के पद को लेकर नए सिरे से दावा किया, लेकिन एनसीपी ने यह पद कांग्रेस को देने से इंकार कर दिया।
इसके अलावा, दोनों दलों के राज्य नेतृत्व के इस मुद्दे को हल करने में असमर्थ होने की वजह से दोनों दलों के राष्ट्रीय नेतृत्व अब इस मामले को देख रहे हैं। आपको बता दें कि डिप्टी सीएम पद के अलावा, तीनों पक्षों ने कुछ प्रमुख विभागों के बारे में आम सहमति भी नहीं बनाई है। इन विभागों में प्रमुख रूप से आवास विभाग, वित्त, राजस्व, सहकारी समितियां और शहरी विकास शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, यही वजह है कि ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को अभी कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि शनिवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के तुरंत बाद मंत्रिमंडल विस्तार होने की उम्मीद थी। एक बार सभी पक्षों के बीच सहमति बन जाने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।
इसके अलावा आपको बता दें कि राकांपा नेता अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाडी के घटकों के बीच हुए समझौते के अनुसार उनकी पार्टी को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा, जबकि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस से होगा। पवार का बयान इन खबरों के बीच आया है कि कांग्रेस अब उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है और राकांपा को अध्यक्ष पद देने के लिए तैयार है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी और उनके साथ शिवसेना, राकांपा तथा कांग्रेस के दो-दो मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के चयन का फैसला राकांपा द्वारा किए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।’’
अध्यक्ष का चुनाव शनिवार को किए जाने की उम्मीद है जब उद्धव सरकार को शक्ति परीक्षण का सामना करना पड़ सकता है। पवार ने कहा, ‘‘ (तीनों दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक में) यह फैसला हुआ था कि मुख्यमंत्री शिवसेना, उपमुख्यमंत्री राकांपा और अध्यक्ष पद कांग्रेस और उपाध्यक्ष पद राकांपा के पास जाएगा।’’ पवार ने तीन दिसंबर के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे इस बारे में फैसला करेंगे। कांग्रेस में सूत्रों ने बताया कि पार्टी अब उपमुख्यमंत्री पद चाहती है।
पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘पार्टी ने पहले अध्यक्ष पद मांगा था और तीनों दलों के बीच इसे लेकर सहमति बनी थी, लेकिन अब यह उपमुख्यमंत्री पद चाहती है और राकांपा को अध्यक्ष पद देने के लिए तैयार है।’’ कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि पार्टी दो उपमुख्यमंत्रियों (कांग्रेस और राकांपा की ओर से एक-एक उपमुख्यमंत्री) के विचार के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सरकार का चेहरा होते हैं, इसलिए कांग्रेस यह पद चाहती है।’’