Rajasthan Politics: सचिन पायलट को अपने रास्ते से हटाने के बाद अशोक गहलोत ने कहा- हमें खुशी नहीं लेकिन..., देखें वीडियो
By अनुराग आनंद | Updated: July 14, 2020 15:21 IST2020-07-14T15:21:12+5:302020-07-14T15:21:12+5:30
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमें खुशी नहीं है लेकिन मजबूर होकर हमने अपने साथियों के खिलाफ फैसला लिया है।

सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी ड्रामे के बीच सचिन पायलट को राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है। इसकी घोषणा कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने की है। साथ ही सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटाया गया है।
इस घोषणा से ठीक पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल से जाकर उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, डिप्टी सीएम सचिन पायलट व तीन मंत्रियों को पद से हटाने के प्रस्ताव को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
इसके बाद मीडिया के सामने अशोक गहलोत ने कहा कि हमें खुशी नहीं है लेकिन मजबूर होकर हमने अपने साथियों के खिलाफ फैसला लिया है। इस पूरे घटना के लिए उन्होंने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि वह पूरा कुनबा जो दिल्ली में है, वह भाजपा के मैनेजमेंट में हैं। यह सब मध्य प्रदेश की तरह ही करने का प्रयास हुआ है। उन्होंने कहा कि आलाकमान के निर्देश के बाद कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला लिया है।
#WATCH: The attitude was similar to the saying 'aa bail mujhe maar' given the tweets & statements of last few months... I've been impartial to all MLAs...no one is happy about the decisions & we tried to reach out but hobnobbing with BJP has taken place: Rajasthan CM Ashok Gehlot pic.twitter.com/04YqEbFcTV
— ANI (@ANI) July 14, 2020
गोविंद सिंह डोटासरा को पायलट की जगह पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने-
रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि गोविंद सिंह डोटासरा को पायलट की जगह पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की लगातार आज दूसरी बैठक में सचिन पायलय शामिल नहीं हुए। इसके बाद ये कार्रवाई की गई है। इसके अलावा बागी हुए विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा को भी मंत्री पदों से हटाया गया है।
इस कदम के कयास पहले से लगाए जा रहे थे। दरअसल सोमवार से ही कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पार्टी के नेतृत्व की ओर से कई बार सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मौजूद 102 MLA ने निर्विरोध तौर पर सचिन पायलट को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की है।
भाजपा ने कहा सचिन पायलट के लिए सभी रास्ते खुले हैं-
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फैसला लेते राजस्थान उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) और प्रदेश अध्यक्ष पद (Rajasthan PCC Chief) से सचिन पायलट (Sachin Pilot) को हटा दिया है। सचिन पायलट को दोनों पदों से हटाने के कुछ घंटे पहले आज (14 जुलाई) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राजस्थान से नेता ओम माथुर ने कहा कि अगर सचिन पायलट बीजेपी में आना चाहते हैं तो उनके लिए हमारे पार्टी के दरवाजे खुले हैं। ओम माथुर ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि अगर कोई बीजेपी में हमारी विचारधारा स्वीकार करता है, तो हम लोग हमेशा उसका स्वागत करेंगे।
राजस्थान के नेता ओम माथुर ने कहा, बीजेपी इतनी बड़ी पार्टी इसलिए बनी है, क्योंकि इसमें लोग शामिल हुए और बीजेपी की विचारधारा जुड़े। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने विधायकों के साथ सचिन पायलट के साथ व्यवहार ठीक नहीं किया है।
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कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी के फैसला का ऐलान करते हुए कहा कि बीजेपी ने षड़यंत्र के तहत संपूर्ण बहुतम से चुनी गई कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश की है। इसी बीच सचिन पायलट दिग्भ्रमित होकर, बीजेपी के षड्यंत्र के जाल में उलझ कर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए।
सुरजेवाला ने पार्टी के पायलट पर किए गए 'अहसान' गिनाते हुए कहा कि 'छोटी उम्र में पार्टी ने उन्हें (सचिन पायलट) जो राजनीतिक ताकत दी, वह किसी और को नहीं दी गई थी।' कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 2003 में पायलट ने राजनीति में कदम रखा था। 2004 में उन्हें महज 26 साल की उम्र में कांग्रेस पार्टी सांसद बना देती है।
इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि 30 और 32 साल की उम्र में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें भारत सरकार का केंद्रीय मंत्री बनाया। 36 की उम्र में राजस्थान जैसे बड़े राज्य का प्रदेश अध्यक्ष पद दिया। 40 साल की उम्र में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बनाया गया। सिर्फ 16-17 साल की राजनीतिक करियर में उन्हें कांग्रेस ने काफी प्रोत्साहित किया। सचिन पायलट को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का स्नेह हासिल था।

