किसानों को लेकर शरद पवार का मोदी सरकार पर हमला, बोले- अगर किसानों ने शांति का रास्ता छोड़ा तो देश में बड़ा संकट पैदा हो जाएगा

By अनुराग आनंद | Published: February 5, 2021 07:16 AM2021-02-05T07:16:17+5:302021-02-05T07:19:46+5:30

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आंदोलन अब तक ‘‘अराजनीतिक’’ रहा है और आगे भी रहेगा।

About farmers, Sharad Pawar said that if farmers leave the path of peace then a big crisis will arise in the country. | किसानों को लेकर शरद पवार का मोदी सरकार पर हमला, बोले- अगर किसानों ने शांति का रास्ता छोड़ा तो देश में बड़ा संकट पैदा हो जाएगा

शरद पवार (फाइल फोटो)

Highlightsशरद पवार ने 10 विपक्षी दलों के सांसदों को गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने की इजाजत न हीं देने को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की। शरद पवार ने कहा कि यदि लोकतंत्र में ऐसा होगा तो उन्हें (सरकार को) आज या कल इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

नयी दिल्ली:  किसान आंदोलन पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ‘‘असंवेदनशील’’ रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर किसानों ने प्रदर्शन का शांतिपूर्ण रास्ता छोड़ दिया, तो देश में बड़ा संकट पैदा हो जाएगा और भाजपा सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी।

बहुस्तरीय बैरिकैड और कंटीले तार लगाने तथा सड़कों पर कीलें ठोंके जाने को लेकर उन्होंने सरकार की आलोचना की और दावा किया कि ऐसा तो अंग्रेजों के शासन के दौरान भी नहीं हुआ था। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के मुद्दे को सुलझाने के प्रति इच्छुक ही नहीं है।

किसानों का आंदोलन में किसी गड़बड़ी के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी-

शरद पवार ने कहा, ‘‘ वे समस्या को सुलझाना ही नहीं चाहते। मैं चिंतित हूं कि आज जो किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, अगर वे दूसरे रास्ते पर जाते हैं, तो यह एक बड़ा संकट बन जाएगा और भाजपा सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।’’

उन्होंने 10 विपक्षी दलों के सांसदों को गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने की इजाजत न हीं देने को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘वे (विपक्षी सांसद) महज किसानों का हालचाल जानने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से वहां गये थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया। यदि लोकतंत्र में ऐसा होगा तो उन्हें (सरकार को) आज या कल इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।’’ 

किसान आंदोलन ‘‘अराजनीतिक’’ रहा है और आगे भी रहेगाः संयुक्त किसान मोर्चा

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आंदोलन अब तक ‘‘अराजनीतिक’’ रहा है और ‘‘आगे भी रहेगा’’ तथा किसी भी राजनीतिक दल के नेता को उसके मंच का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने सिंघू, गाज़ीपुर, टीकरी एवं अन्य सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन स्थलों का दौरा किया और केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। इसके बाद, संयुक्त किसान मोर्चा का यह बयान आया है। संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता, दर्शन पाल सिंह द्वारा एक बयान में मोर्चा ने कहा, " यह आंदोलन शुरू से पूरी तरह से अराजनीतिक रहा है और अराजनीतिक रहेगा।

इस आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के समर्थन का स्वागत है, लेकिन किसी भी सूरत में संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर राजनीतिक नेताओं को आने की इजाजत नहीं होगी।" मोर्चा ने प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट सेवा तत्काल बहाल करने की भी मांग की। बयान में कहा गया है, " असहमति की आवाज़ दबाने की सरकार की कोशिशें जारी हैं। इंटरनेट पर रोक से आंदोलन कर रहे किसानों के साथ ही, मीडिया कर्मी और स्थानीय लोगों को भी बहुत परेशानी हो रही है।"

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: About farmers, Sharad Pawar said that if farmers leave the path of peace then a big crisis will arise in the country.

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