आप के विद्रोही विधायक खैरा ने पहले इस्तीफा दिया फिर वापस लिया, कहा- ‘लोगों की भावनाओं’ का ध्यान रखा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 23, 2019 15:24 IST2019-10-23T15:24:13+5:302019-10-23T15:24:13+5:30
सुखपाल सिंह खैरा 2015 में आप में शामिल हुए थे और जुलाई 2018 में उन्हें विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया गया। इसके छह महीने बाद उन्होंने आप छोड़कर अपनी पंजाबी एकता पार्टी का गठन किया। खैरा के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप विधायक और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने उन पर ‘‘सबसे बड़ा अवसरवादी’’ होने का आरोप लगाया।

सिंह ने कहा कि इस्तीफा स्वीकार किये जाने से पहले कोई विधायक किसी भी समय अपना इस्तीफा वापस ले सकता है।
पंजाबी एकता पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने मंगलवार को पंजाब के विधायक के रूप में अपना इस्तीफा वापस ले लिया। खैरा ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय अपने निर्वाचन क्षेत्र भोलात के ‘‘लोगों की भावनाओं’’ को ध्यान में रखकर लिया है।
आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता ने कुछ महीने पहले विधायक के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था। पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह ने कहा कि खैरा ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और इसके लिए कोई कारण नहीं बताया गया है।
सिंह ने कहा कि इस्तीफा स्वीकार किये जाने से पहले कोई विधायक किसी भी समय अपना इस्तीफा वापस ले सकता है। बाद में खैरा ने एक बयान में कहा कि उन्होंने भोलात निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से संपर्क किया था और उन्होंने उन्हें विधानसभा से इस्तीफा वापस लेने की सलाह दी।
लोगों ने कहा कि इससे केवल मतदाताओं पर उपचुनाव का अनावश्यक भार पड़ेगा। खैरा ‘आप’ के चिन्ह्र पर 2017 में भोलात से विधायक चुने गये थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी कानूनी टीम की सलाह और भोलात के लोगों और अपने सहयोगियों की भावनाओं को ध्यान में रखकर इस्तीफा वापस ले लिया है।
वह 2015 में आप में शामिल हुए थे और जुलाई 2018 में उन्हें विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया गया। इसके छह महीने बाद उन्होंने आप छोड़कर अपनी पंजाबी एकता पार्टी का गठन किया। खैरा के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप विधायक और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने उन पर ‘‘सबसे बड़ा अवसरवादी’’ होने का आरोप लगाया। भाजपा नेता तरुण चुग ने खैरा पर एक ‘‘नया नाटक’’ करने का आरोप लगाया और जल्द से जल्द उन्हें अयोग्य ठहराये जाने की मांग की।