1 / 6इस साल का पहला सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या के दिन लग रहा है। ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को एक अशुभ समयावधि के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य राहु ग्रह से पीड़ित हो जाते हैं। 2 / 6साल का पहला का सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की आधी रात के बाद लगेगा और यह 1 मई को सुबह तड़के समाप्त होगा। धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण काल में मंगल कार्यों को नहीं किया जाता है। इस दौरान सूतक काल का विशेष ध्यान रखा जाता है। 3 / 6साल का पहला ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण होगा जो मेष राशि में लगेगा। सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से लेकर 01 मार्च की सुबह 04 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।4 / 6साल का पहला सूर्य ग्रहण दक्षिण और वेस्ट-साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका महासागर जैसे क्षेत्रों से दिखाई देगा। आंशिक होने के कारण भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा।5 / 6सूर्य ग्रहण में ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है और इस दौरान पूजा पाठ करने की मनाही होती है। यहां तक कि मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देखा जिसके कारण यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। 6 / 6धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इस दौरान ईश्वरीय पूजा नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़कर उसे शुद्ध करना चाहिए। इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।