1 / 5श्री महाकाल को बंधी सबसे पहली राखी, लगाया असंख्य लड्डुओं का महाभोग उज्जैन। रक्षाबंधन पर्व पर बुधवार को ज्योतिर्लिंग महाकाल को सबसे पहले तडके भस्मारती में पुजारी परिवार की महिलाओं ने राखी बांधी ।इसके साथ ही भगवान को असंख्य लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। ये लडडू भोग लगने के बाद दिनभर मंदिर में आए दर्शनार्थियों को प्रसाद स्वरूप बांटे गए।2 / 5भस्मारती के पुजारी प्रदीप गुरु, दिलीप गुरु, बबलू गुरु के परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को घर से लाई गई राखी बांधी। तड़के 3 बजे मंदिर के पट खोले गए। गर्भगृह में पंचामृत अभिषेक पूजन के पश्चात भगवान महाकाल को परंपरा अनुसार सबसे पहले राखी अर्पित की गई। इसके बाद पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने मिलकर भगवान को रेशमी धागे, विशेष वस्त्र व आभूषण से बनी दो फीट चौड़ी राखी बांधी।3 / 5इसके पश्चात असंख्य लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया गया। परंपरा रही है कि राखी पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डू अर्पित किए जाते हैं।इस अवसर पर देशभर के श्रद्धालुओं ने भस्मारती में उपस्थित होकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया।मंदिर परिसर में इस बार रक्षाबंधन पर्व पर महाभोग के रूप में सजाई गई लड्डुओं की झांकी पहली बार गोलाकार में सजाई गई।4 / 5 पुजारी यश गुरु ने बताया अभिषेक स्थल पर महल तैयार किया गया तो रंग-बिरंगी लाइटिंग के साथ ही यहां महाकाल के स्वरूप चांदी की प्रतिमाएं भी दर्शन हेतु रखी गई। गोल झांकी बनाने के लिए विशेष रूप से छोटे-बड़े लड्डू के थाल तैयार किए गए थे। वहीं लड्डू रंगीन भी बनवाए गए थे। साथ में फलों की टोकरी, ड्रायफ्रूटस व अन्य प्रकार की मिठाई भी पहली बार ही रखे गए। 25 क्विंटल बेसन, 20 क्विंटल घी से बने लड्डू, 45 लोग लगे।5 / 5इन असंख्य लड्डुओं को बनाने में मंदिर के मानसरोवर की ऊपरी बिल्डिंग में इंदौर से आए मुख्य हलवाई के साथ 45 लोगों की टीम लगाई गई। इतने लड्डू बनाने में 25 क्विंटल बेसन, 25 क्विंटल शक्कर, 20 क्विंटल शुद्ध घी, डेढ़ क्विंटल काजू, डेढ़ क्विंटल किशमिश, 50 किलो इलाइची का उपयोग किया गया।