1 / 7सिक्खों का सबसे बड़ा पर्व, प्रकाश पर्व इस साल देशभर में 12 नवंबर को मनाया जा रहा है। 2 / 7गुरु नानक देव की जयंती को सिक्ख समुदाय पूरी धूम से मनाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस पर्व को मनाया जाता है।3 / 7 कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिक्खों के गुरु, गुरु नानक देव जी ने संवत् 1526 में अवतरण लिया था। इसीलिए इस दिन को पूरा सिक्ख समुदाय उत्साह और उल्लास से मनाता है।4 / 7गुरु नानक देव ने सिक्ख धर्म की स्थापना की थी। बचपन से ही गुरु नानक देव ने अपने व्यक्तिव में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाजसुधारक जैसे गुण थे। 5 / 7बचपन में ही उन्होंने कई चमत्कारी चीजें की जिसे देखकर गांव के लोगों ने उन्हें दिव्य व्यक्तित्व वाला मानने लगे। उन्होंने देश से बुराई खत्म करने के लिए कई यात्राएं की जिसमें लोगों को शिक्षित भी किया। 6 / 7 गुरु नानक देव के पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्त देवी था। नानक देव जी की बहन का नाम नानकी था। बचपन से ही गुरु नानक ने कई ऐसी चमत्कारी चीजें शुरु कर दी कि लोग उन्हें दिव्य मानने लगे। 7 / 7गुरु नानक बचपन से ही सांसारिक विषयों से उदासीन रहा करते थे। उन्होंने अपना सारा समय आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत किया। लोगों को भी वो ईश्वर से जुड़े रहने की ही शिक्षा देते आए।