शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति का सुख-चैन छीन लेती हैं ये 7 आदतें, इनसे दूर ही रहें

By गुलनीत कौर | Published: October 25, 2018 09:17 AM2018-10-25T09:17:44+5:302018-10-25T09:17:44+5:30

Next

जीवन में प्रेम का होना महत्वपूर्ण है किन्तु अत्यधिक प्रेम दिखाने से व्यक्ति का सुख प्रभावित होता है। और यदि यह प्रेम एक तरफा हो तो जीवन तबाह हो जाता है।

धन जीवन व्यतीत करने के लिए महत्वपूर्ण है, किन्तु इसे अत्यधिक महत्वता देने से व्यक्ति का सुख-चैन प्रभावित होता है।

अहंकार व्यक्तित्व को तहस-नहस कर देता है। एक अहंकारी व्यक्ति कभी भी जीवन में खुश नहीं रह पाता है। अहंकार जीवन का काल है, इससे दूर ही रहना चाहिए।

प्रेम करना और प्रेम व्यक्त करना, यह अच्छी बात है किन्तु शारीरिक संबंधों को सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानना रिश्ते को खराब करता है। पति-पत्नी के बीच संभोग से अति आवश्यक प्रेम की भावना का होना जरूरी होता है।

मोह व्यक्ति को इस संसार से बाधकर रखता है, यह मोह हर रिश्ते से जुड़ा होता है। कई परिस्थितयों में यह मोह व्यक्ति को असफलता से दूर ले जाता है, इसलिए किसी से प्रेम करें, उसका सम्मान करें किन्तु अधिक मोह ना करें।

गुस्सा बुद्धि नष्ट कर देता है। यह व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। अच्छी से अच्छी परिस्थिति को मिनटों में बिगाड़ने का कम करता है गुस्सा। इसलिए शास्त्रों के अनुसार हमें क्रोध से दूर रहना चाहिए।

नशा या नशीले पदार्थों का सेवन करने से हमें बचना चाहिए। यह ना तो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है और ना ही जीवन में कोई सुख दिलाता है। बल्कि नशे का आदि हो चुका व्यक्ति अपनी धन, संपत्ति, रिश्ते-नाते सब कुछ गवा देता है।