Photos: पीएम मोदी ने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का किया उद्घाटन, जानें सरदार पटेल की इस प्रतिमा के बारे में 6 रुचिकर तथ्य

By ललित कुमार | Published: October 31, 2018 11:06 AM2018-10-31T11:06:47+5:302018-10-31T11:06:47+5:30

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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (31 अक्टूबर) भारत वर्ष के पहले गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' देश को समर्पित करेंगे। दुनिया की सबसे उंची यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है। 182 मीटर उंची पटेल की प्रतिमा को तैयार होने में पांच साल का वक्त लगा है।

इस प्रतिमा के बनने से पहले चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा अब तक की सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था।

लेकिन सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बनने के बाद अब यह रिकॉर्ड भारत के नाम हो गया है जी हां यह प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा है।

इस मूर्ति को बनाने वाली कंपनी ने खुद इस बात को माना है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इस प्रतिमा को महज 33 माह में तैयार किया गया है।

लेकिन इस बात को जानकर हैरानी होगी कि चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के निर्माण में करीबन 11 साल का वक्त लगा था। 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होने के साथ साथ न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है।

सरदार पटेल की इस मूर्ति का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानि 182 मीटर है। इस मूर्ति के पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथों की ऊंचाई 70 फिट, कंधों की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है।

सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया है। सरदार पटेल की मूर्ति को बनाने में 1,347 करोड़ रुपये खर्च हुए, इसके बाद 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च हुए। इसके अलावा 657 करोड़ रूपए निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे और 83 करोड़ रुपये पुल बनाने पर खर्च हुए हैं।