Mysore Government School: स्कूल है या ट्रेन के डिब्बे, पहचानो तो जानें!, देखें तस्वीरें By अनुभा जैन | Published: July 27, 2024 02:46 PM 2024-07-27T14:46:22+5:30 2024-07-27T14:51:19+5:30
Next Mysore Government School: सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय और इसके विशिष्ट स्थान ने साबित कर दिया है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। मैसूरु के मननथवाडी रोड पर स्थित इस सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए यह एक ख़ुशी का क्षण था जब उनका स्कूल पहले से बनी पुरानी शैली की ईंट की इमारत के बजाय नवीनीकृत दो रेल डिब्बों के साथ फिर से शुरू हुआ।
Mysore Government School: इन कोचों के बाहरी भाग पर अक्षरों और अंकों के साथ खिड़कियों पर लगे पर्दे युवा मन में ’सीखने में आनंद’ का तत्व पैदा करते हैं। इन रेल डिब्बों को चमकीले रंगों से रंगा गया है जो राहगीरों और बच्चों को आकर्षित करते हैं। कक्षा के कोचों में बेंच, डेस्क और बोर्ड हैं। यहां पहली से सातवीं तक की कक्षाएं चल रही हैं.
Mysore Government School: सीएन राजू मैसूरु दक्षिण के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने इस तरह की पहल शुरू करने के विचार के बारे में बात करते हुये बताया कि सेंट्रल यूनियन रेलवे ने 1936 में विशेष रूप से रेलवे स्टाफ के बच्चों के लिए एक जीएचपीएस रेलवे वर्कशॉप स्कूल शुरू किया था.
Mysore Government School: समय के साथ स्लम क्षेत्रों के, मार्जनलाइजड समुदाय के बच्चों के साथ-साथ स्कूल छोड़ चुके बच्चों को भी इस स्कूल में प्रवेश मिलने लगा। स्कूल की इमारत एक पुरानी खंडहर विरासत इमारत थी जो समय के साथ ढह गई। आख़रिकार स्कूल बंद करने की नौबत आ गई.
Mysore Government School: बाद में चिंताजनक स्थिति को देखते हुए रेलवे अधिकारियों ने शिक्षा के महत्व को पहचाना और बच्चों की निर्बाध शिक्षा के लिए दो ट्रेन डिब्बों को स्कूल की कक्षाओं में बहाल करने का एक अनूठा विचार सामने आया। यहां चार शिक्षकों का स्टाफ है, जिसमें बालक बालिकाओं सहित 61 छात्र हैं।
Mysore Government School: स्कूल में क्रिकेट, बैडमिंटन, कबड्डी, खो खो और कैरम जैसी खेल गतिविधियाँ भी बच्चों के लिये उपलब्ध हैं।
Mysore Government School: स्कूल ’दिनागलु ऐवत्थु’-’कलिका संपत्थु’ जैसे ब्रिज प्रोग्राम चलाता है जिसका अर्थ है गणित के साथ कन्नड़ और अंग्रेजी जैसी भाषाओं में ’50 दिनों में ज्ञान प्राप्त करना’। ब्रिज कार्यक्रम और इसकी अवधारणा सीएन राजू द्वारा शुरू की गई है।
Mysore Government School: यह कार्यक्रम उन छात्रों के लिए बनाया गया है जिन्हें शैक्षणिक सहायता की आवश्यकता है, सीखने में अंतराल वाले बच्चे, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे और अंत में, जो मुख्यधारा के स्कूल से बाहर हो गए हैं और फिर से स्कूल में शामिल होना चाहते हैं।
Mysore Government School: कार्यक्रम के पीछे मानदंड यह है कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के कक्षा दूसरी से नौवीं तक के सभी छात्र बुनियादी योग्यता सीखें। इस कार्यक्रम के लिए बच्चों को प्री-टेस्ट के माध्यम से लिया जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि 1 जून 2024 को ब्रिज कार्यक्रम शुरू किया गया था और 1 अगस्त को यह पूरा हो जाएगा. इसके बाद मूल्यांकन किया जाएगा।
Mysore Government School: सीएन राजू ने आगे कहा, “चूंकि ये बच्चे झुग्गी-झोपड़ी इलाकों से हैं, उनमें सीखने की कमी है, इसलिए, हम बच्चों और उनके माता-पिता को स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करते हैं।
Mysore Government School: 50-दिवसीय ब्रिज कार्यक्रम पूरा करने के बाद ये बच्चे मुख्यधारा के स्कूलों में शामिल हो सकते हैं। अंत में मैं यही कहना चाहूंगी कि रेल्वे की इस मुहिम ने इन बच्चों के अंधेरे जीवन में ज्ञान के प्रकाश की लौ जला निर्बाध शिक्षा की दिशा में एक अनूठी पहल की है।