स्‍वतंत्रता दिवस 2018: देशभक्ति के वो मैसेज, जिन्हें पढ़ कर दिलों में भर उठता है जोश

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 15, 2018 08:14 AM2018-08-15T08:14:57+5:302018-08-15T08:14:57+5:30

Next

बाँध कफ़न अपने सर पर हम देखो वीर जवान चले, एक तिरंगे के पीछे ये सारा हिन्दुस्तान चले।

जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

शहीदों के मजारों पर जुड़ेंगे हर बरस मेले, वतन पे मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।

देश की मिट्टी खाई थी मैंने बचपन में कभी इसलिए मेरे खून में देशभक्ति का जज्बा है।

ये वक्त बहुत ही नाजुक है, हम पर हमले दर हमले हैं, दुश्मन का दर्द यही तो है, हम हर हमले पर संभले हैं.

मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान, ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान।

किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

असली में तो हीरो वही होता है जो आजादी के साथ मिली हर नई जिम्मेदारियों को बखूबी समझता है।