बाल गंगाधर तिलक के 5 नारे, जिन्हें सुनकर अंग्रेजों का छूटता था पसीना

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 1, 2018 11:53 AM2018-08-01T11:53:05+5:302018-08-01T11:53:05+5:30

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भारत को पूर्ण स्वतंत्र कराने के लिए आवाज उठाने वाले बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रेंजों से कहा था कि 'स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा।'

ऐसे निडर स्वतंत्रता सेनानी की आज पुण्यतिथि है। उनका निधन आज के दिन यानि एक अगस्त, 1920 को बम्बई (अब मुंबई) में हो गया था।

मरणोपरांत उनको दी जाने वाली श्रद्धांजलि में महात्मा गांधी ने कहा था कि वे आधुनिक भारत के निर्माता थे। जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें भारतीय क्रांति का जनक माना था।

बाल गंगाधर ‌तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को वर्तमान महाराष्ट्र स्थित रत्नागिरी जिले के एक गांव चिखली में हुआ था।

वह भारत के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतन्त्रता सेनानी थे। आदर से उन्हें लोग "लोकमान्य" कहते थे।