Delhi Chalo:दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर पथराव, आंसू गैस के गोले दागे, पानी की बौछारें, देखें तस्वीरें

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 27, 2020 02:49 PM2020-11-27T14:49:10+5:302020-11-27T14:58:00+5:30

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किसान प्रदर्शन तेज हो गया है। दिल्ली पुलिस ने किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में इकट्ठा होने की परमिशन दे दी है, पुलिस का कहना है कि किसान वहां इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर सकते हैं। सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान दिल्ली आ रहे हैं।

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों के संगठनों ने शुक्रवार को दावा कि केन्द्र सरकार ने उन्हें दिल्ली में दाखिल होने और बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन करने की मंजरी दे चुकी है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘‘ हमें दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति मिली हुई है।’’ उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी में एक स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी।

उत्तर प्रदेश के बागपत में किसानों ने दिल्ली चलो आंदोलन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया और सड़क ब्लॉक की। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कहीं आंसू गैस के गोले दागे, तो कहीं पानी की बौछारें कीं।

दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पहुंचे किसानों के एक समूह पर आंसू गैस के गोले दागे, जबकि टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा कर्मियों ने किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में आने से रोकने के लिए उन पर पानी की बौछारें की। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा कर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किए जाने के बाद वहां घना धुआं देखा गया।

वहीं टीकरी बॉर्डर पर किसानों की पुलिस से झड़प हो गई और उन्होंने अवरोधक के तौर पर लगाए ट्रक को जंजीरों (चैन) के जरिए ट्रैक्टर से बांध वहां से हटाने की कोशिश की। पंजाब से दिल्ली आने के सीधे मार्ग सिंघु बॉर्डर पर किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने से रोकने के लिए कई तरह के अवरोधक लगाए गए हैं।

सीमावर्ती इलाकों में प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए सुरक्षा कर्मी ड्रोन का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम उन्हें यह भी बता रहे हैं कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर किसी प्रकार की रैली करने या धरना देने की अनुमति नहीं है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘ उन्हें अनुमति नहीं दी गई और अगर उन्होंने फिर भी दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’ सरकारी सूत्रों ने बताया कि मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आप सरकार से शहर के नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल बानाने की अनुमति भी मांगी। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने हालांकि पुलिस को स्टेडियम का इस्तेमाल अस्थायी जेलों के तौर पर करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

प्रदर्शन के कारण शहर के कई इलाकों में यातायात भी प्रभावित हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी सीमाओं से लगे कई स्थानों पर यातायात का मार्ग बदल दिया गया है। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर वाहनों की तलाशी भी बढ़ा दी गई है, जिससे वहां जाम लग गया है। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर सीआईएसएफ के कर्मियों को भी तैनात किया गया है।

दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर लोगों से रिंग रोड, मुकरबा चौक, जीटीके रोड, एनएच- 44 और सिंघु बॉर्डर की बजाय दूसरे रास्तों से गुजरने की अपील की। उसने कहा, ‘‘ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की रैली /मार्च/प्रदर्शन के मद्देनजर यातायात पुलिस मुकरबा चौक और जीटीके मार्ग से यातायात को परिवर्तित कर रही है।’’

दिल्ली यातायात पुलिस ने यह भी बताया कि टीकरी बॉर्डर पर भी स्थानीय पुलिस ने यातायात को पूरी तरह रोक दिया है। तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभु, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे। सभी सीमाओं पर तनाव कायम है।

‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है।

किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। 

सिरसा में डबवाली पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क पर लगे पुलिस बैरिकेड को नुक़सान पहुंचाया और उन्हें रास्ते से हटा दिया।

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान दिल्ली आ रहे हैं।