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Coronavirus: बदलें ये 6 आदतें नहीं तो इम्यून सिस्टम हो जाएगा कमजोर, कोरोना से लड़ने में होगी मुश्किल

By संदीप दाहिमा | Updated: April 11, 2020 06:14 IST

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कई अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को गंभीर तनाव का अनुभव हुआ, उनमें वायरस के सम्पर्क में आने के बाद सर्दी बढ़ने की संभावना अधिक थी। दरअसल जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो शरीर कोर्टिसोल व एड्रेनालाईन, हार्मोन जारी करता है जो फागोसाइट्स व लिम्फोसाइटों को कम करता है। इन श्वेत रक्त कोशिकाओं की कम मात्रा शरीर को वायरस व बैक्टीरिया से लड़ने के लिए निर्बल बना देती है।
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रिफाइंड कार्ब्स, चीनी व नमक से भरपूर चीजें इम्यून सिस्टम को कमजोर बना सकती हैं। प्रोसेस्ड फूड्स आंत में गुड बैक्टीरिया पर हमला करते हैं, जिससे आंत बैड बैक्टीरिया के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाता है। एक अध्ययन के मुताबिक ज्यादा नमक वाला आहार खाने से शरीर में बैक्टीरिया को मारने की क्षमता कम हो सकती है। भोजन में प्याज, लहसुन व अदरक को शामिल करने से भी मदद मिल सकती है।
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यदि छह से आठ घंटे की नींद लेने की सलाह नहीं मानते हैं, तो यह इम्यून सिस्टम पर भारी पड़ सकता है। जब सोते हैं, तो शरीर साइटोकिन्स जारी करता है जो कि एक प्रोटीन है व वह शरीर को संक्रमण और सूजन से बचाता है। यदि सोते नहीं हैं, तो शरीर पर्याप्त साइटोकिन्स का उत्पादन नहीं कर सकता है, जो बैक्टीरिया व वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है।
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नियमित रूप से शराब पीने से इम्यून सिस्टम को नुकसान होने कि सम्भावना है। एल्कोहल आंत में स्वस्थ व अस्वास्थ्यकर बैक्टीरिया के बीच संतुलन को बिगाड़ती है। यह स्वस्थ जीवाणुओं को दूर करती है, तो अधिक बैड बैक्टीरिया रक्तप्रवाह से गुजरते हैं, जिससे लिवर की सूजन हो सकती है। एल्कोहल की कोई भी मात्रा इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती है।
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किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन श्वसन संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकता है। धूम्रपान के कारण शरीर अत्यधिक म्यूकस पैदा करता है, जो वायुमार्ग को संकरा करता है व आपके फेफड़ों के विषाक्त पदार्थों को साफ करने में परेशानी पैदा करता है। जब शरीर तंबाकू द्वारा छोड़े गए रसायनों को हटाने के लिए दो बार कार्य कर रहा होता है, तो संक्रमण से लड़ने की क्षमता से समझौता किया जाता है।
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एक अध्ययन के मुताबिक नियमित रूप से कार्य करना इम्युनिटी को बढ़ाता है। व्यायाम एंटीबॉडी व सफेद रक्त कोशिकाओं दोनों को बढ़ाता है, जो शरीर को संक्रमण को टारगेट करने व इसे प्रभावी तरीका से लड़ने की अनुमति देता है। नियमित व्यायाम से हानिकारक तनाव हार्मोन को दूर करने में मदद मिल सकती है। व्यायाम शरीर में कोर्टिसोल व एड्रेनालाईन के रीलिज को धीमा कर देता है, बैक्टीरिया व वायरल बीमारी से बचाता है।
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