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बीमारियों का काल हैं ये 5 जड़ी बूटियां, सेहत के लिए हैं अमृत

By संदीप दाहिमा | Updated: February 23, 2021 15:56 IST

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अश्वगंधा के फायदे यह लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी एडाप्टोजेन का एक समृद्ध स्रोत है, जिसका दिमाग पर शांत प्रभाव पड़ता है और चिंता और तनाव से निपटने में मदद करता है। इसके अलावा, यह आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। इसका सेवन करने से दिल संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं। इसका सेवन से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है और बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है।
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तुलसी के फायदे पवित्र तुलसी का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व दोनों है। हल्के स्वाद वाली हरी पत्तियों में बहुत शक्तिशाली यौगिक होते हैं जो रक्तचाप, सर्दी, फ्लू, गठिया और अन्य जैसे कई स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के इलाज में प्रभावी होने के लिए जाने जाते हैं। तुलसी के पत्तों में यूजेनॉल होता है, एक यौगिक जो प्राकृतिक कैल्शियम चैनल अवरोधक के रूप में कार्य करके उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स दिल और धमनी कोशिकाओं में कैल्शियम के प्रवाह में बाधा डालते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं। तुलसी की चाय पीने और कच्ची तुलसी के पत्तों को चबाने से दोनों में समान स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
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आंवला एक सुपरफूड है। इस फल में मौजूद यौगिक वासोडिलेटर के रूप में कार्य करके या रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। आंवले में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जिस वजह से यह कैंसर से बचाव में सहायक है। अल्सर की रोकथाम में आंवले का जूस पेप्ट‍िक अल्सर में बहुत कारगर साबित होता है। आंवला शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने और वजन कम करने में भी फायदेमंद होता है।
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त्रिफला अत्यधिक प्रभावकारी पॉलीहेरल आयुर्वेदिक है। यह व्यापक रूप से जठरांत्र और कायाकल्प उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह तीन सूखे जड़ी-बूटियों का एक पारंपरिक आयुर्वेदिक मिश्रण है। त्रिफला का इस्तेमाल कब्ज दूर करने, पेट में गैस की समस्या (एसिडिटी) से राहत पाने, आंखों के लिए, वजन घटाने और मोटापा कम करने, पाचन शक्ति बढ़ाने, बालों को झड़ने से रोकने, भूख बढ़ाने और मूत्र संबंधी समस्याओं में राहत पाने के लिए किया जाता है। इसके विरोधी भड़काऊ गुण रक्त वाहिकाओं पर खिंचाव को कम करता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। दो चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन हाई बीपी और उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों के लिए अच्छा है।
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शतावरी एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग कई दवाइयों में होता है। परंपरागत रूप से शतावरी को महिलाओं की जड़ी बूटी माना गया है, हांलाकि यह पौधा पुरुषों के हार्मोन लेवल को बढ़ा कर उनकी कामुकता में भी इजाफा कर सकता है। यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है, जिसमें फूल व मंजरियां एक से दो इंच लम्बे एक या गुच्छे में लगे होते हैं। शतावरी का रस लेने से शरीर की गर्मी, अम्लता तथा पेट के अल्सर के इलाज में फायदा होता है। अध्ययनों के अनुसार, इस सब्जी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। शतावरी का जूस पीने से आपको डायबिटीज कंट्रोल करने और अवसाद से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
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