क्या कोरोना से ज्यादा है ब्लैक फंगस की मृत्यु दर ? क्या फंगस छूने से फैलता है ? AIIMS के डॉ रणदीप गुलेरिया ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

By संदीप दाहिमा | Published: May 24, 2021 03:14 PM2021-05-24T15:14:28+5:302021-05-24T15:14:28+5:30

Next

दिल्ली में एम्स के निदेशक ने कहा कि अगर ब्लैक फंगस का समय पर इलाज नहीं किया जाता है और शरीर में अधिक फैलता है, तो इसकी मृत्यु दर कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर से भी अधिक है। गुलेरिया ने कहा है। वह एक न्यूज चैनल पर कोरोना मरीजों को प्रभावित कर रहे ब्लैक फंगस के बारे में बोल रहे थे।

अपने शरीर में ब्लैक फंगस का पता कैसे लगाएं? इंडिया टीवी पर 'जितेगा इंडिया, हरेगा कोरोना' कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जो लोग मधुमेह से पीड़ित हैं उन्हें अपने शुगर पर लगातार नियंत्रण रखना चाहिए। अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह पर ही स्टेरॉयड लेना चाहिए। सिरदर्द, जो दूर नहीं होता, नाक से खून बहना, चेहरे के किसी हिस्से में सूजन, धुंधला दिखना। कभी-कभी बुखार आना या खांसी में खून आना भी ब्लैक फंगस का एक लक्षण है।

ब्लैक फंगस से कैसे रहें सावधान? एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि काले फंगस वाले मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिला और शरीर में फैलने में ज्यादा समय लगा, जबकि इसकी मृत्यु दर कोरोना वायरस संक्रमण से ज्यादा थी। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों ने डर के मारे ज्यादा स्टेरॉयड ले लिया है. इससे देश में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

गुलेरिया ने कहा, "ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं। हालांकि, मुझे लगता है कि जैसे-जैसे कोरोना रोगियों की संख्या घटती जाएगी, वैसे-वैसे ब्लैक फंगस के भी मामले घटते जाएंगे।"

क्या आपको पता है ब्लैक फंगस के मरीज पहले भी मिल चुके हैं? "ब्लैक फंगस पहले से ही था। नंबरों पर नजर डालें तो पहली वेव में भी कुछ मरीज मिले। हालांकि, मरीजों की संख्या बहुत कम थी। इसके अलावा, 2002-2003 में आए सार्स को देखते हुए, ब्लैक फंगस के मरीज भी पाए गए थे।"

कम प्रतिरक्षा स्टेरॉयड का खतरा? डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है, जिससे फंगल संक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, अगर किसी ने बहुत अधिक स्टेरॉयड लिया है और वह व्यक्ति मधुमेह है, तो उस व्यक्ति को फंगस का खतरा अधिक होता है। ऐसे में हल्के कोरोनरी आर्टरी डिजीज या बिना लक्षण वाले मरीजों को स्टेरॉयड नहीं लेने की सलाह दी जाती है।"

ब्लैक फंगस का इलाज क्या है? गुलेरिया ने कहा कि अगर समय रहते ब्लैक फंगस का पता चल जाए तो हल्की सर्जरी से फंगस को हटाया जा सकता है। हालांकि, इसका एहसास होने में बहुत देर हो चुकी थी और अगर यह शरीर में और चला गया, तो बड़ी सर्जरी की आवश्यकता थी।

क्या छूने से काला फंगस फैलता है? डॉ गुलेरिया ने कहा कि काला फंगस छूने से होने वाली बीमारी नहीं है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। हालांकि, कोरोना की तुलना में इस वायरस को ठीक होने में अधिक समय लगता है।