1 / 7GST collections: सकल जीएसटी संग्रह लगातार दूसरे महीने दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से ऊपर रहा। सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई में 16.4 प्रतिशत बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। मई, 2024 में यह संग्रह 1,72,739 करोड़ रुपये था। मई, 2025 में घरेलू लेन-देन से सकल राजस्व 13.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से जीएसटी राजस्व 25.2 प्रतिशत बढ़कर 51,266 करोड़ रुपये हो गया।2 / 7GST collections: मई, 2025 में कुल सकल जीएसटी राजस्व 2,01,050 करोड़ रुपये रहा। सकल केंद्रीय जीएसटी राजस्व 35,434 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी राजस्व 43,902 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये रहा। उपकर से राजस्व 12,879 करोड़ रुपये रहा। महीने के दौरान जारी कुल रिफंड चार प्रतिशत घटकर 27,210 करोड़ रुपये रह गया।3 / 7GST collections: मई में शुद्ध जीएसटी संग्रह लगभग 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 20.4 प्रतिशत अधिक है। डेलॉयट इंडिया के साझेदार एम एस मणि ने कहा कि राज्यों में जीएसटी संग्रह में वृद्धि में व्यापक आधार पर अंतर देखा जा रहा है। ऐसे में प्रत्येक राज्य में ऐसे क्षेत्रों का गहन विश्लेषण करने की जरूरत है, जो उसके लिए महत्वपूर्ण हैं।4 / 7GST collections: महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों ने संग्रह में 17 प्रतिशत से 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों ने छह प्रतिशत तक की वृद्धि दिखाई है। मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में जीएसटी संग्रह में औसतन 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।5 / 7GST collections: मणि ने कहा, “इसलिए, देशभर में औसत वृद्धि, संभवतः क्षेत्रीय या मौसमी कारकों के कारण राज्यों में समान रूप से परिलक्षित नहीं होती है, जिसके लिए गहन डेटा आधारित विश्लेषण की आवश्यकता होती है।”6 / 7 GST collections: प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के साझेदार प्रतीक जैन ने कहा कि इस महीने जीएसटी संग्रह में 16 प्रतिशत की वृद्धि, कुछ महीनों तक 11 से 12 प्रतिशत की वृद्धि के बाद नए सिरे से तेजी को दर्शाती है। जैन ने कहा, “यदि अगले कुछ महीनों तक वृद्धि इसी दायरे में जारी रहती है, तो इससे सरकार को दरों को तर्कसंगत बनाने पर विचार करने का अवसर मिल सकता है, जिस पर पहले ही काफी काम हो चुका है।”7 / 7GST collections: ईवाई इंडिया के कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि आगे हम जून में भी जीएसटी संग्रह के समान आंकड़े देख सकते हैं, लेकिन दुनिया भर में चल रहे भू-राजनीतिक तनाव के कारण इसमें मामूली वृद्धि ही हो सकती है।