सीपीएसई और भारत-22 ईटीएफ में खुदरा निवेशकों को कर लाभ देने की योजना, सीबीडीटी से मांगी अनुमति
By भाषा | Published: June 30, 2019 03:25 PM2019-06-30T15:25:10+5:302019-06-30T15:25:10+5:30
दीपम द्वारा तैयार योजना के अनुसार सीपीएसई और भारत-22 ईटीएफ के खुदरा निवेशकों को ईएलएसएस म्यूचुअल फंड के निवेशकों की तरह ही कर छूट का विकल्प दिया जा सकता है।
नयी दिल्ली, 30 जूनः सरकार दो एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों ... सीपीएसई और भारत-22 ईटीएफ में खुदरा निवेशकों को कर लाभ देने पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने बताया कि निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को पत्र लिखकर यह पूछा है कि क्या आयकर कानून की धारा 80सी के तहत इक्विटी से जुड़ी बचत योजना (ईएलएसएस) का लाभ इन ईटीएफ में खुदरा निवेशकों को दिया जा सकता है।
दीपम द्वारा तैयार योजना के अनुसार सीपीएसई और भारत-22 ईटीएफ के खुदरा निवेशकों को ईएलएसएस म्यूचुअल फंड के निवेशकों की तरह ही कर छूट का विकल्प दिया जा सकता है। लेकिन उनका निवेश तीन साल के लिए बंधित रहेगा। इन निवेशकों को ईएलएसएस श्रेणी को नहीं चुनने का विकल्प भी उपलब्ध होगा और वे अपने यूनिट्स में बिना किसी बाधा के कारोबार कर सकेंगे।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने कर विभाग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या ईएलएसएस का लाभ सीपीएसई और भारत-22 ईटीएफ को दिया जा सकता है।’’ यदि प्रत्यक्ष कर मामलों पर निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय सीबीडीटी द्वारा इस पर मंजूरी दी जाती है तो दीपम इसकी अंतिम योजना तैयार करेगा और इसकी घोषणा पांच जुलाई को पेश होने वाले 2019- 20 के बजट में की जा सकती है।
हालांकि, मौजूदा ईटीएफ में ईएलएसएस का लाभ देने से सरकार की विनिवेश राशि में इजाफा नहीं होगा, लेकिन इससे ईटीएफ में निवेश बढ़ेगा और साथ ही परिवारों की बचत में भी इजाफा होगा।