साल 2019-20 का यह अंतिम तिमाही का वित्त वर्ष चल रहा है। इस बीच हर कंपनी अपने इम्प्लोई से हर वित्त वर्ष में आपसे इन्वेस्टमेंट प्रूफ मांगती है। लेकिन जब कंपनी को समय पर सारे डॉक्यूमेंट दिखा देते हैं तो आपकी सैलरी से टैक्स के रूप में कम टीडीएस कटता है। पर प्रूफ टाइम से नहीं दिखाने पर आपको टीडीएस ज्यादा देना पड़ता है।
ऐसे में आप टीडीएस को बचाने के लिए पहले से ही जरूरी डॉक्यूमेंट इकट्ठा कर लें। इसके लिए जरूरी कॉमन इन्वेस्टमेंट प्रूफ तौर पर लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, ईएलएसएस म्यूचअल फंड, पीपीएस, होम लोन, ट्यूशन फीस, एजुकेशन लोन और एचआरए जैसे इन्वेस्टमेंट प्रूफ होना चाहिए।
इसके साथ ही अगर आपके परिवार में किसी ने या आप खुद ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी है। इसके लिए आपको सलाना प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट पाने के लिए क्लेम कर सकते हैं। वहीं, सीनियर सिटिजन के लिए टैक्स में 50 हजार रुपये की छूट मिलती है। इसके अलावा आप हायर एजुकेशन के लिए ब्याज, हेल्थ चेक अप, होम लोन और एपीएस पर भी टैक्स में छूट के लिए क्लेम दर्ज कर सकते हैं।
इनकम टैक्स की धारा सी के तहत आप इन इन्वेस्टमेंट की रसीदों पर सैलरी में टैक्स से छूट पा सकते हैं-
1. टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit)2. एनपीएस में इन्वेस्ट (National Pension Scheme)3. सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश (Sukanya Samriddhi Scheme)4. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम की रसीद (Life insurance policy)5. म्यूचुअल फंड ईएलएसएस में निवेश का प्रूफ (Mutual Fund ELSS)6. एनएससी में निवेश का प्रूफ (National Saving Certificate)7. दो बच्चों तक की ट्यूशन फीस का पेमेंट रसीद 8. खुद और डिपेंडेंट के लिए जमा किए गए यूलिप (ULIP) प्लान के प्रीमियम का प्रूफ