मोदी सरकार ने महिलाओं को दिया 16,712 करोड़ रुपये का लोन, ऐसे करें अप्लाई
By स्वाति सिंह | Published: March 3, 2020 05:06 PM2020-03-03T17:06:35+5:302020-03-03T17:22:39+5:30
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले बयान में मंत्रालय ने कहा कि इन योजनाओं से महिलाएं वित्तीय रूप से सशक्त हुई हैं और वे बेहतर जीवन जीने के साथ उद्यमिता के अपने सपने को साकार कर पा रही हैं।
नई दिल्ली: महिलाओं को ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना के तहत करीब चार साल में 16,712 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्टैंड अप इंडिया योजना के लाभार्थियों में 81 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है।
पिछले छह साल के दौरान मंत्रालय ने विभिन्न योजनाएं पेश की हैं जिनमें महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए विशेष प्रावधान हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले बयान में मंत्रालय ने कहा कि इन योजनाओं से महिलाएं वित्तीय रूप से सशक्त हुई हैं और वे बेहतर जीवन जीने के साथ उद्यमिता के अपने सपने को साकार कर पा रही हैं।
स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत पांच अप्रैल, 2016 को हुई थी। इसके एक नया उपक्रम स्थापित करने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की प्रत्येक शाखा को एक अनुसूचित जाति या जनजाति के व्यक्ति और कम से कम एक महिला को 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये का ऋण देना अनिवार्य है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘17 फरवरी, 2020 तक स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत 81 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं थीं। महिलाओं के लिए कुल 73,155 खाते खोले गए हैं। महिला खाताधारकों के लिए 16,712.72 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। उन्हें 9,106.13 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है।’’
स्टैंड अप इंडिया के तहत ऐसे करें अप्लाई
कारोबार निर्माण व्यापर क्षेत्र से सम्बंधित होना चाहिए। गैर–व्यक्तिगत कारोबार के मामले में एक अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति या महिला की कारोबार में 51% हिस्सेदारी होनी चाहिए। योजना से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ने में मदद मिलेगी और लोगों को अपने व्यापर स्थापित करने का मौका मिलेगा।
उद्यमियों को स्टैंड अप इंडिया का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। स्टैंड अप इंडिया का उद्देश्य महिलाओं और अनुसूचित जाति -अनुसूचित जाति के उद्यमियों की सहायता करना है। व्यापार शुरू करने पर पहले तीन साल इनकम टैक्स में छूट। आवेदन करने के लिए एक छोटा सा फार्म भरने पर लाइसेंस की प्रक्रिया जल्द सेल्फ ड्राइव हो जाएगी। एक फास्ट ट्रैक रोड मैप का गठन और एक समर्पित वेबसाइट और आवेदन विकसित किया जाएगा।