आज से बदल गए क्रेडिट-डेबिट कार्ड से जुड़े कई नियम, RBI को इस वजह से लेना पड़ा फैसला, कार्ड इस्तेमाल करने से पहले जानें नए नियम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 16, 2020 05:58 AM2020-03-16T05:58:40+5:302020-03-16T05:58:40+5:30
आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी करते समय उन्हें केवल देश में एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल्स पर ट्रांजैक्शन के लिए ही ऐक्टिवेट करें.
मुंबई: क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड को और सुरक्षित तथा सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने जो नए नियम बनाए हैं वह सोमवार से प्रभावी हो गए हैं रिजर्व बैंक ने डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेनदेन (ट्रांजैक्शंस) को और आसान तथा पहले से अधिक सुरिक्षत बनाने के उद्देेश्य से दोनों कार्ड को जारी करने और उनका संचालन करने के लिए नए नियम गत जनवरी में ही जारी कर कार्ड जारी करने वाले बैंक-कंपनी को उनका अनुपालन करने की तैयारी करने के निर्देश दिए थे.
आप जब यह खबर पढ़ रहे होंगे उस समय तक ये नियम लागू हो चुके होंगे क्यों कि यह 16 मार्च (15 मार्च को मध्य रात्रि के ठीक बाद)से लागू होने थे. आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी करते समय उन्हें केवल देश में एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल्स पर ट्रांजैक्शन के लिए ही ऐक्टिवेट करें.
नए नियम के अनुसार, अब ग्राहक डेबिट और क्रेडिट कार्ड का सिर्फ एटीएम और पीओएस टर्मिनल पर ही इस्तेमाल कर सकेंगे. विदेश में लेनदेन के लिए अलग से इसकी सुविधा अपने कार्ड पर अलग से लेनी होंगी. इसके अलावा, ऑनलाइन या कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शंस की सुविधा भी अलग से लेनी होगी. मौजूदा कार्ड पर भी लागू होंगे नए नियम जिन लोगों के पास अभी कार्ड है, वे अपने जोखिम के आधार पर ये तय करेंगे कि वे अपने देश में अथवा अंतर्राष्ट्रीय कार्ड के लेनदेन को सक्रिय अथवा निष्क्रिय करना चाहते हैं .
यह आप पर है कि जब चाहें अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर इन सुविधाओं को सक्रिय अथवा निष्क्रिय भी कर सकते हैं. वैसे कार्ड जिनसे अभी तक ऑनलाइन/इंटरनैशनल/कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शंस नहीं हुआ है, उनमें ये सुविधाएं बंद हो जाएंगी. उपयोगकर्ता चौबीसों घंटे सातों दिन किसी भी समय अपने कार्ड को सक्रिय अथवा निष्क्रिय कर सकते हैं या ट्रांजैक्शंस लिमिट में बदलाव कर सकते हैं. इसके लिए वे मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम या आईवीआर का सहारा ले सकते हैं. यह सुविधाएं देना बैंकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है.
(आईएएनएस एजेंसी से इनपुट)