इंतजार करते रह गए लाखों ईपीएफ अंशधारक, नहीं आया पीएफ खाते में ब्याज, हाथ लगी निराशा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 2, 2021 01:52 PM2021-01-02T13:52:14+5:302021-01-02T13:54:21+5:30

श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद छह करोड़ से अधिक खाताधारकों वाले सेवानिवृत्ति कोष कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को अधिसूचित करने का फैसला किया था.

Ministry of Labor 8.5 percent interest 2019-20 Millions EPF shareholders waiting PF account | इंतजार करते रह गए लाखों ईपीएफ अंशधारक, नहीं आया पीएफ खाते में ब्याज, हाथ लगी निराशा

खाता ऑनलाइन देखा तो 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दर के साथ खाता अद्यतन नजर नहीं आया. (file photo)

Highlightsगंगवार की अध्यक्षता में 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी थी.बैठक में 8.5 प्रतिशत ब्याज को 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत की दो किस्तों में विभाजित करने का फैसला किया था.एक बार में ही पूरे 8.5 प्रतिशत अंशदान को खाताधारकों के खातों में डालने का फैसला किया था.

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने तो घोषणा कर दी, लेकिन उसे अंजाम देने की कवायद नहीं हो पाई. नए साल का तोहफा मिलने की आस लगाए देश के लाखों कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशधारकों को साल के पहले दिन महज निराशा हाथ लगी.

सरकार की घोषणा के अनुरूप, सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंध करने वाले निकाय ईपीएफओ को गुरुवार से अंशधारकों को 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान शुरू करना था. कर्मचारियों को आशा थी कि वह नए साल में अपने पीएफ खाते में ब्याज के साथ बढ़ी रकम का नजारा कर सकेंगे, लेकिन आज जब लोगों ने अपना खाता ऑनलाइन देखा तो 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दर के साथ खाता अद्यतन नजर नहीं आया.

सरकार की घोषणा पर अमल क्यों नहीं हो पाया ,इस बारे में कोई भी आधिकारिक तौर पर बताने को तैयार नहीं है. उल्लेखनीय है कि श्रम मंत्रालय ने 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्देश पहले ही ईपीएफओ को भेज दिया था. उसने कहा था कि निकाय ने पिछले वित्त वर्ष के लिए खाताधारकों के खातों में ब्याज जमा करना शुरू कर दिया है.

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने गुरुवार को ही कहा था कि 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज देने की हम कोशिश करेंगे. हमने इसके लिए अधिसूचना जारी कर खातों में ब्याज की उक्त रकम को जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

पीपीएफ, एनएससी, अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में चौथी तिमाही में बदलाव नहीं

सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिये पीपीएफ और एनएससी सहित छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. बैंक जमा दरों में कमी के बीच यह निर्णय किया गया है. कर्मचारी भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) के लिए वार्षिक ब्याज दरें क्रमशः 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत पर कायम रहेंगी.

छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को वित्त मंत्रालय द्वारा तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘31 मार्च को समाप्त होने वाली 2020-21 की चौथी तिमाही में विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें तीसरी तिमाही (एक अक्टूबर- 31 दिसंबर 2020) के लिए अधिसूचित दरों के समान रहेंगी.’’ इसके अनुसार पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है.

वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है, बचत जमाओं पर ब्याज दर चार प्रतिशत सालाना है. बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 7.6 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिए वार्षिक ब्याज दर 6.9 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है. एक से पांच वर्षों की सावधि जमाओं पर 5.5-6.7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जबकि पांच वर्षीय आवर्ती जमा पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत है.

Web Title: Ministry of Labor 8.5 percent interest 2019-20 Millions EPF shareholders waiting PF account

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