बैंक जमा पर पांच लाख रुपये का बीमा कवर हुआ लागू, भारतीय रिजर्व बैंक ने दी जानकारी
By भाषा | Published: February 5, 2020 05:01 AM2020-02-05T05:01:18+5:302020-02-05T05:01:18+5:30
यह कवर रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) प्रदान करती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जमाकर्ताओं को संरक्षण देने की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है।
बैंक जमा पर पांच लाख रुपये का बीमा कवर मंगलवार से लागू हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट पेश करते हुए बैंकों में जमा लोगों के धन पर गारंटी राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की है।
यह कवर रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) प्रदान करती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जमाकर्ताओं को संरक्षण देने की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट भाषण में कहा था कि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की ‘सेहत’ की निगरानी के लिए एक मजबूत प्रणाली है। सभी जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित है।
इससे पहले दिन में वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग ने डीआईसीजीसी को सूचित किया है कि केंद्र सरकार ने बचत जमा पर प्रति जमाकर्ता पांच लाख रुपये की गारंटी के लिए बीमा कवर बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक (पीएमसी) का घोटाला सामने आने के बाद से निवेशकों का भरोसा डगमगाया हुआ है। इससे लाखों ग्राहक प्रभावित हुए हैं।
माना जा रहा है कि जमा पर पांच लाख रुपये की गारंटी से निवेशकों का भरोसा फिर से कायम करने में मदद मिलेगी। अभी यदि कोई बैंक विफल होता है तो उस पर जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) की ओर से एक लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है। अब यह बीमा कवर बढ़कर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।
कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘बजट घोषणाओं पर काम शुरू हो गया है। वित्तीय सेवा विभाग ने जमा बीमा कवर को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मंजूरी दे दी है। यह बदलाव करीब 27 साल यानी 1993 के बाद किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि बैंक अब प्रत्येक 100 रुपये के जमा पर 12 पैसे का प्रीमियम देंगे। पहले यह 10 पैसे था। वित्तीय क्षेत्र सुधारों पर रघुराम राजन समिति 2009 ने डीआईसीजीसी की क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की थी। यह त्वरित, सुधारात्मक कार्रवाई की अधिक स्पष्ट प्रणाली है। इसके अलावा समिति ने जमा बीमा प्रीमियम को अधिक जोखिम आधारित बनाने का भी सुझाव दिया था।