शॉर्ट टर्म निवेश के लिए ये है पांच बेहतरीन ऑप्शन
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 24, 2018 04:17 PM2018-08-24T16:17:31+5:302018-08-24T16:39:28+5:30
निवेश दो प्रकार के होते हैं। शॉर्ट टर्म और लॉंग टर्म। शॉर्ट टर्म में जो निवेश कम समय जैसे कि 6 महीने से लेकर 1 साल तक के लिए होता है उसे शॉर्ट टर्म निवेश कहते हैं।
नई दिल्ली, 24 अगस्त: यदि आप किसी बीमा कंपनी में निवेश करने जा रहे हैं और आपको यह नहीं मालूम की अपने रुपयों का निवेश कहां और किस जगह करें। ऐसे में यह खबर आपके लिए है। अक्सर आपने शॉर्ट टर्म और लॉंग टर्म निवेश दो ऐसे शब्दों के बारे में सुना होगा। यह निवेश के अलग प्रकार होते हैं। जहां आप अपना पैसा निश्चित समय के लिए लगाते हैं। लेकिन आपको नहीं मालूम है कि हम अपना निवेश शॉर्ट टर्म में करें या लॉंग टर्म में।
क्या होता है शार्ट टर्म और लॉंग टर्म निवेश
जैसा कि बताया कि निवेश दो प्रकार के होते हैं। शॉर्ट टर्म और लॉंग टर्म। शॉर्ट टर्म में जो निवेश कम समय जैसे कि 6 महीने से लेकर 1 साल तक के लिए होता है उसे शॉर्ट टर्म निवेश कहते हैं। वहीं, लॉंग टर्म निवेश 5 साल से लेकर 10 साल तक हो उसे लॉन्ग टर्म कहा जाता है। निवेश करने के कई विकल्प होते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि निवेश के 5 ऐसे विकल्प के बारे में जिसे जानना बेहद ही जरूरी होता है।
फिक्स्ड डिपोजिट में करें निवेश
अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो पहला विकल्प फिक्स्ड डिपोजिट है। बता दें कि सेविंग अकाउंट से पैसे निकालकर आप फिक्स्ड डिपोजिट में निवेश कर सकते हैं। यह सबसे बेहतर विकल्प है। इसके लिए खाता खोलना पड़ेगा। एफडी पर मिलने वाले रिर्टन पर उन्हीं दरों के मुताबिक टैक्स लगता है। जिनके दायरे में इन्वेस्टर आता है। इसके ये फायदा होगा कि यदि आपकी साल भर की आमदनी 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो टैक्स कटने के बाद रिटर्न 5 फीसदी से कम रहेगा। एफडी खोलना है तो नेट बैंकिंग के आसानी से खुल जाएगा।
आरडी में निवेश
फिक्स्ड डिपोजिट के बाद निवेश करने का दूसरा विकल्प आरडी में निवेश कर सकते हैं। आरडी मतलब रिकरिंग डिपॉजिट (सावधि जमा)। आरडी एक ऐसा डिपॉजिट है जिसमें आप हर महीने राशि जमा करते हैं। ऐसा करते-करते एक समय के बाद अच्छी खासी रकम जमा हो जाती है। इसमें आपको ज्यादा रकम नहीं जमा करना पड़ता है। महीने की बची राशि को आप जमा कर सकते हैं। एक समय के बाद जब आपकी अवधि पूरी हो जाती है तो आपको एकमुश्त राशि मिल जाती है। इसके लिए आपको हर महीने राशि जमा करनी पड़ती है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश
इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यह फंड कैश मार्केट और स्पॉट मार्केट के बीच के अंतर खत्म करने के लिहाज से एक बेहतर ऑप्शन है। इसका सबसे बड़ा फंडा है कि कम पर खरीदो और ज्यादा दाम पर बेचो। इस फंड में रिस्क कम है। निवेश करने पर निवेशकों को 6 से 9 फीसदी तक का रिटर्न मिलता है। इसे ऑर्बिट्राज फंड भी कहा जाता है। अगर आप आर्बिट्राज फंड्स में निवेश करें और सालभर तक निवेश बनाए रखें तो आपके रिटर्न पर टैक्स नहीं लगेगा।
लिक्विड फंड निवेश
लिक्विड फंड को कैश फंड भी कहा जाता है। यह भी एक तरह का म्यूचुअल फंड होता है। यह ऐसा फंड है जो मनी मार्केट इंस्ट्रुमेंट्स जैसे ट्रेजरी बिल्स आदि में निवेश करता है। ये साल भर में 8 फीसदी तक रिटर्न दे सकते हैं। अधिकत म्यूचुअल फंड हाउसेज ऑनलाइन इन्वेंस्टमेंट सुविधा देते हैं और पूरी प्रक्रिया पूरी करने में 1 घंटे से ज्यादा नहीं लगते है। इसमें मेच्योरिटी पीरियड भी कम होता है। अगर आपको जब जरूरी हो तो आप छोटी रकम निकाल सकते हैं।