EPFO ने प्रशासनिक शुल्क घटाकर 0.5 प्रतिशत किया, कंपनियों को होगा 900 करोड़ रुपये का लाभ

By भाषा | Updated: May 27, 2018 13:51 IST2018-05-27T13:51:06+5:302018-05-27T13:51:06+5:30

ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वी पी जॉय ने पीटीआई भाषा से कहा, 'श्रम मंत्रालय ने प्रशासनिक शुल्क कम करने के निर्णय को अधिसूचित किया है।

EPFO reduced administrative charges to 0.5 percent, companies will have a profit of Rs 900 crore | EPFO ने प्रशासनिक शुल्क घटाकर 0.5 प्रतिशत किया, कंपनियों को होगा 900 करोड़ रुपये का लाभ

EPFO ने प्रशासनिक शुल्क घटाकर 0.5 प्रतिशत किया, कंपनियों को होगा 900 करोड़ रुपये का लाभ

नई दिल्ली, 27 मई: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के प्रशासनिक शुल्क में कटौती के निर्णय से पांच लाख से अधिक नियोक्ताओं को संयुक्त रूप से सालाना 900 करोड़ रुपये की बचत होगी। यह निर्णय एक जून, 2018 से प्रभावी होगा। ईपीएफओ के न्यासियों ने 21 फरवरी को हुई बैठक में प्रशासनिक शुल्क को नियोक्ताओं द्वारा दिया जाने वाले कुल वेतन भुगतान का 0.65 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत करने का फैसला किया था। 

ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वी पी जॉय ने पीटीआई भाषा से कहा, 'श्रम मंत्रालय ने प्रशासनिक शुल्क कम करने के निर्णय को अधिसूचित किया है। यह एक जून, 2018 से प्रभाव में आएगा। इससे नियोक्ता अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाकर औपचारिक वेतन रजिस्टर में उनका नाम शामिल करने के लिये प्रोत्साहित होंगे।'

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपना कामकाज बढ़ाने तथा तथा ऐसे शुल्क की वसूली में वृद्धि के लिये यह कदम उठाया है। ईपीएफओ के अनुमान के अनुसार नियोक्ताओं को इससे संयुक्त रूप से सालाना कुल 900 करोड़ रुपये की बचत होगी। पिछले वित्त वर्ष के दौरान ईपीएफओ ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को चलाने के लिये प्रशासनिक शुल्क के रूप में नियोक्ताओं से 3,800 करोड़ रुपये की वसूली की। 

ईपीएफओ ने प्रशासनिक शुल्क के जरिये 20,000 करोड़ रुपये का अधिशेष जमा किया है। इस पर ब्याज के रूप में सालाना 1,600 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होता है। प्रशासनिक शुल्क में कटौती के कारण के बारे में बताते हुए जॉय ने कहा कि ईपीएफओ प्रशासनिक शुल्क में कटौती से प्रभावित नहीं होगा क्योंकि इससे अंशधारकों का योगदान आधार बढ़ेगा। प्रशासनिक शुल्क कर्मचारियों के कुल वेतन के उस हिस्से पर आनुपातिक रूप से लगाया जाता है जिस पर नियोक्ता अपना योगदान देता है।

Web Title: EPFO reduced administrative charges to 0.5 percent, companies will have a profit of Rs 900 crore

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