लोकसभा चुनाव से पहले नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, सरकार ने बढ़ाई EPFO की ब्याज दरें
By रामदीप मिश्रा | Published: February 21, 2019 05:34 PM2019-02-21T17:34:49+5:302019-02-21T17:51:35+5:30
EPFO: पिछले तीन सालों से ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती देखी गई थी। 2015-16 में यह 8.8 फीसदी थी। 2016-17 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में घटकर 8.55 फीसदी रह गई थी।
नौकरी करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गुरुवार (21 फरवरी) को मौजूदा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। ईपीएफओ ने साल 2018-19 के लिए ब्याज दर 8.55% को बढ़ाकर 8.65% कर दिया है। संगठन ने ब्याज दर में 10 पैसे की बढ़ोतरी की है।
पिछले तीन सालों से ईपीएफ (EPF) की ब्याज दरों में कटौती देखी गई थी। 2015-16 में यह 8.8 फीसदी थी। 2016-17 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में घटकर 8.55 फीसदी रह गई थी।
ईपीएफ पर ब्याज दरें पीएफ फंड के निवेश से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर तय की जाती हैं। पिछले कुछ सालों से ईपीएफओ अपना निवेश ईटीएफ में कर रहा है। बीते साल बताया गया था कि लगातार रिटर्न घटने से ईपीएफओ की ब्याज दर भी घटा दी गई थीं।
Employees' Provident Fund Organisation has hiked interest rate on employees' provident fund to 8.65% from 8.55% for the 2018-19 fiscal year. pic.twitter.com/sytjS2Ss0O
— ANI (@ANI) February 21, 2019
आपको बता दें कि बीते साल ईपीएफ कर्मचारियों को राहत दी गई थी, जिसमें बेरोजगार कर्मचारियों को ईपीएफ अकाउंट से 75% की रकम निकालने के लिए स्वीकृति दे दी गई थी। वे अब अपनी रकम का 75% फीसदी 60 साल से पहले भी निकाल सकते हैं। इस बात की जानकरी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 6 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर दी थी। इस प्लान को लाने के लिए पुराने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की स्कीम के नियमों में बदलाव किया था।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी नई अधिसूचना में कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति एक महीने से ज्यादा की अवधि के लिए बेरोजगार रहता है तो अपने ईपीएफ अकाउंट से क्रेडिट अमाउंट का लगभग 75 प्रतिशत तक पैसे निकल सकता है। यह एक गैर-वापसी योग्य अग्रिम होगा जिसका अर्थ है कि कोई सदस्य अपना खाता बंद किए बिना अपना पैसा निकाल सकता है और उसे वापस लेने वाले पैसे वापस नहीं करना पड़ेगा।