एलआईसी पॉलिसीधारकों को खुशखबरी, आप भी खरीद सकते हैं शेयर, जानिए क्या है पूरा मामला

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 4, 2021 12:48 PM2021-02-04T12:48:21+5:302021-02-04T12:49:24+5:30

life insurance corporation of india: अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश से आएंगे।

budget 2021 lic policyholder ipo disinvestment govt to sell insurance corporation of india | एलआईसी पॉलिसीधारकों को खुशखबरी, आप भी खरीद सकते हैं शेयर, जानिए क्या है पूरा मामला

अगले वित्त वर्ष की संभवत: तीसरी या चौथी तिमाही में आईपीओ आ सकता है। (flle photo)

Highlightsसरकार ने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिये जीवन बीमा निगम कानून 1956 में संशोधन का प्रस्ताव किया है।वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट के साथ सदन के पटल पर रखे गये वित्त विधेयक के जरिये 27 संशोधन प्रस्तावित किये हैं। सरकार का इरादा इसके पॉलिसीधारकों को कंपनी का हिस्सेदार बनाने का है।

life insurance corporation of india:  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 पेश कर दिया है। केंद्र सरकार को विनिवेश के जरिए पौने दो लाख करोड़ (1.75 लाख करोड़) रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

मोदी सरकार ने एलआईसी (LIC) शेयर बेचने का भी ऐलान किया है। हालांकि सरकार ने एलआईसी पॉलिसीधारकों को खुशखबरी भी दी है। केंद्र सरकार के अधिकारी ने कहा कि एलआईसी के आईपीओ में शेयरों का 10 फीसदी हिस्सा इसके पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित किया जा सकता है।

जीवन बीमा निगम कानून 1956 में संशोधन का प्रस्ताव किया है

आर्थिक मामलों से जुड़े विभाग के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) अगले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आ सकता है। सरकार ने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिये जीवन बीमा निगम कानून 1956 में संशोधन का प्रस्ताव किया है।

वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट के साथ सदन के पटल पर रखे गये वित्त विधेयक के जरिये 27 संशोधन प्रस्तावित किये हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में निवेश और लोक संपत्त‍ि प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि एलआईसी के आईपीओ से 10 फीसदी हिस्सा इसके पॉलिसीधारकों को दिया जा सकता है। सरकार का इरादा इसके पॉलिसीधारकों को कंपनी का हिस्सेदार बनाने का है।

एलआईसी का आईपीओ अगले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक आ सकता है

बजाज ने कहा, ‘‘अगले वित्त वर्ष की संभवत: तीसरी या चौथी तिमाही में आईपीओ आ सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी जल्दी मूल्यांकन सामने आता है।’’ वित्त मंत्री ने सोमवार को बजट भाषण में एलआईसी का आईपीओ लाने की घोषणा की। फिलहाल सरकार की एलआईसी में 100 प्रतिात हिस्सेदारी है।

लगभग 8 से 10 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के अनुमान के साथ इसके सूचीबद्ध होने पर बाजार पूंजीकरण के लिहाज से यह संभवत: देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) पहले ही एलआईसी का मूल्यांकन करने के लिये कंपनी मिलीमैन एडवाजर्स का चयन कर चुकी है।

वित्त विधेयक के जरिये संशोधन को रखा गया

जबकि डेलॉयट और एसबीआई कैप को ‘प्री-आईपीओ’ सौदा सलाहकर नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘बिना लाइसेंस के बैंक को खरीदने का कोई मतलब नहीं है...इसीलिए वित्त विधेयक के जरिये संशोधन को रखा गया है।’’

एलआईसी कानून में प्रस्तावित संशोधन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अधिनियम 1956 में अस्तित्व में आया और इसमें शेयर बाजार में सूचीबद्धता को लेकर प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि संशोधन से सूचीबद्धता बाध्यताओं के अनुरूप स्वतंत्र निदेशकों के साथ निदेशक मंडल के गठन का रास्ता साफ होगा। 

वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार का अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) के विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर सरकार ने चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य में भारी कटौती कर इसे 32,000 करोड़ रुपये कर दिया है। सरकार अभी तक चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 19,499 करोड़ रुपये जुटा पाई है।

बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाएं रणनीतिक क्षेत्र में आएंगी

अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश से आएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट 2021-22 में विनिवेश/रणनीतिक विनिवेश नीति की घोषणा करते हुए कहा कि चार क्षेत्र....परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा; परिवहन एवं दूरसंचार; बिजली, पेट्रोलियम, कोयला और अन्य खनिज; और बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाएं रणनीतिक क्षेत्र में आएंगी।

रणनीतिक क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की मौजूदगी न्यूनतम रहेगी। रणनीतिक क्षेत्र के शेष सीपीएसई का निजीकरण किया जाएगा या इनको अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में मिलाया जाएगा या इन्हें बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बीपीसीएल, एयर इंडिया, आईडीबीआई बैंक, शिपिंग कॉरपोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लि., कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, पवन हंस और अन्य कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा।

सीतारमण ने कहा, ‘‘आईडीबीआई बैंक के अलावा हम सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों तथा एक साधारण बीमा कंपनी का अगले वित्त वर्ष में निजीकरण करेंगे। इसके लिए विधायी संशोधन इसी सत्र में लाए जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए भी विधायी संशोधन संसद के मौजूदा सत्र में ही लाए जाएंगे।

एलआईसी को पेंशन, समूह योजना खंड में एक लाख करोड़ रुपये की प्रीमियम आय प्राप्त

भारतीय जीवन बीम निगम (एलआईसी) को उसके पेंशन और समूह योजना खंड में चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में रिकार्ड एक लाख करोड़ रुपये की प्रीमियम आय प्राप्त हुई है। एलआईसी ने मंगलवार को कहा कि यह पहला मौका है जब जीवन बीमा निगम के किसी एक खंड में इतनी बड़ी राशि प्रीमियम आय के रूप में प्राप्त हुई है।

यह लगातार दूसरा साल है, जब इस खंड में अच्छी प्रीमियम आय प्राप्त हुई है। कंपनी के बयान के अनुसार समूह योजनाओं और सेवानिवृत्त कारोबार का प्रबंधन करने वाले इस खंड में प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इन योजनाओं के जरिये एलआईसी कंपनियों को कर्मचारी सेवानिवृत्ति कोष प्रबंधन समाधान उपलब्ध कराती है। इस खंड में नये कारोबार प्रीमियम में उसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 80 प्रतिशत है। 

(इनपुट एजेंसी)

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