5 साल पहले अरुण जेटली ने टैक्स लिमिट 5 लाख करने के लिए दिए थे ये तर्क, मोदी सरकार इस बज़ट में देगी करदाताओं को इलेक्शन गिफ्ट?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 28, 2019 15:13 IST2019-01-28T14:30:05+5:302019-01-28T15:13:34+5:30

लोक सभा चुनाव 2019 से पहले आ रहे नरेंद्र मोदी सरकार के आखिरी बज़ट पर सभी निगाहें हैं। यह एक अंतरिम बज़ट होगा लेकिन माना जा रहा है कि इस बज़ट में वित्त मंत्री आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई बड़ी घोषणाएँ कर सकते हैं।

budget 2019 arun jaitley narendra modi government may raise itr basic tax slab to 5 lakh | 5 साल पहले अरुण जेटली ने टैक्स लिमिट 5 लाख करने के लिए दिए थे ये तर्क, मोदी सरकार इस बज़ट में देगी करदाताओं को इलेक्शन गिफ्ट?

अरुण जेटली ने वित्त मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले पाँच पूर्ण बज़ट संसद में पेश किये थे।

Highlightsवर्तमान दर के अनुसार ढाई लाख रुपये सालाना आय तक वाले नागरिकों को कोई टैक्स नहीं देना होता।ढाई लाख रुपये से पाँच लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को पाँच प्रतिशत टैक्स देना होता है।पाँच लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय वालों को 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों को 30 प्रतिशत टैक्स देना होता है।

लोक सभा चुनाव 2019 के पहले वित्त मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का आखिरी बज़ट एक फ़रवरी को पेश करेंगे। आगामी आम चुनाव मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है। वित्त मंत्री या कार्यवाहक वित्त मंत्री जो बज़ट पेश करेंगे वो मई 2019 में नई सरकार के गठन तक ही प्रभावी होगा। उसके बाद नई सरकार पूर्ण बज़ट पेश करेगी।

माना जा रहा है कि सरकार इस बज़ट में चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई लोक-लुभावन घोषणाएँ कर सकती है। इन घोषणाओं में जिनपर सबसे ज्यादा लोगों की निगाहें हैं वो है मोदी सरकार द्वारा आयकर की सीमा (इनकम टैक्स स्लैब) बढ़ाने को लेकर जनता की उम्मीदें। ऐसा नहीं है कि आयकर सीमा केवल आम करदाता बढ़वाना चाहता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने भी मोदी सरकार से इनकम टैक्स लिमिट पाँच लाख रुपये करने की माँग की है। 

साल 2014 को लोक सभा चुनाव से पहले अरुण जेटली ने चुनाव प्रचार के दौरान ख़ुद माँग की थी कि इनकम टैक्स छूट की सीमा तत्कालीन दो लाख से बढ़ाकर पाँच लाख की जानी चाहिए। यानी पाँच लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को सरकार को कोई भी टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन जब जेटली ने मई 2014 में वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बज़ट पेश किया तो इस सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर महज ढाई लाख रुपये किया। 

सबसे पहले आइए देखते हैं कि साल 2014 में जेटली ने किस इनकम टैक्स लिमिट बढ़ाने के लिए क्या तर्क दिए थे। 

इनकम टैक्स लिमिट 5 लाख रुपये करने के पीछे अरुण जेटली के तर्क

वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीमार होने के कारण पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीमार होने के कारण पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
अरुण जेटली ने अप्रैल 2014 में अमृतसर एक चुनाव प्रचार रैली में कहा था कि इनकम टैक्स लिमिट दो लाख रुपये से पाँच लाख रुपये करने से देश के करीब तीन करोड़ लोगों को इसका फायदा मिलेगा।

जेटली ने तर्क दिया था कि इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाने से लोगों की आय बढ़ेगी और इसके परिणाम स्वरूप उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। लोग अगर ज्यादा खरीदारी करेंगे तो अप्रत्यक्ष कर के रूप में ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा।

जेटली ने यह तर्क भी दिया था कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों में बड़ी संख्या उन लोगों की है जिनकी वार्षिक आय दो लाख रुपये से पाँच लाख रुपये तक के बीच है। जेटली ने तब दावा किया था कि पाँच लाख रुपये तक कर सीमा बढ़ाकर आयकर विभाग के संसाधन की काफी बचत होगी और विभाग मोटी कमायी करने वालों पर तरीके से निगरानी रख पाएगा जिसका फलस्वरूप आयकर वसूली बढ़ेगी।

वर्तमान इनकम टैक्स रेट

ढाई लाख रुपये सालाना आय तक-  कोई टैक्स नहीं देना होता

ढाई लाख रुपये से पाँच लाख रुपये सालाना आय तक- पाँच प्रतिशत टैक्स

पाँच लाख रुपये से 10 लाख रुपये सालाना आय तक -  20 प्रतिशत टैक्स

10 लाख रुपये से अधिक सालाना आय पर- 30 प्रतिशत टैक्स

80-C के तहत निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट

अभी आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये तक के निवेश पर छूट मिलती है। 

सीआईआई की माँग है कि सेक्शन 80सी के तहत ढाई लाख रुपये तक के निवेश को कर मुक्त किया जाए।

बढ़ी है इनकम टैक्स फाइल करने वालों की संख्या

पिछले पाँच सालों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या करीब दोगुनी हो गयी है। वित्त वर्ष 2013-14 में कुल 3.79 करोड़ लोगों ने आईटीआर फाइल किया था। वित्त वर्ष 2017-18 में कुल 6.84 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल किया। जाहिर है कि देश में करदाताओं की संख्या बढ़ी है तो सरकार पर भी कर सीमा ढीली करने का दबाव है।

मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग (EWS) को सभी सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। ऐसे में माना जा रहा है कि अरुण जेटली इनकम टैक्स की सीमा जरूर बढ़ाएंगे। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि वित्त मंत्री यह सीमा भले ही तीन लाख रुपये न करें, कम से कम तीन लाख रुपये जरूर कर सकते हैं।

English summary :
budget 2019-20 is the Narendra Modi government interim budget coming before Lok Sabha elections 2019. it is believed that in this budget, the finance minister can make several big announcements in view of the general elections.


Web Title: budget 2019 arun jaitley narendra modi government may raise itr basic tax slab to 5 lakh