Tokyo 2020 Paralympics: डबल धमाका, मरियप्पन थंगावेलु ने रजत और शरद कुमार को कांस्य पदक जीता
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 31, 2021 05:36 PM2021-08-31T17:36:33+5:302021-08-31T17:44:58+5:30
Tokyo 2020 Paralympics: तमिलनाडु के सलेम जिले के रहने वाले मरियप्पन थंगावेलु को पांच साल की उम्र में स्थायी विकलांगता का सामना करना पड़ा, जब बस ने दाहिने पैर को घुटने से नीचे कुचल दिया।
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शरद और मरियप्पन दोनों ने अपने पहले प्रयास में 1.73 मीटर और 1.77 मीटर की दूरी तय की।
Tokyo 2020 Paralympics: रियो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु ने टोक्यो पैरालंपिक की ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में रजत पदक जीता, जबकि शरद कुमार को कांस्य पदक मिला है। थंगावेलु ने रियो पैरालंपिक टी-42 ऊंची कूद में 1.89 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन 1.86 मीटर का स्कोर हासिल करने में नाकाम रहे।
गत चैंपियन मरियप्पन थंगावेलु और शरद कुमार ने मंगलवार को यहां पुरुष ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते जिससे टोक्यो पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या 10 तक पहुंच गई। मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक अपने नाम किया जबकि अमेरिका के सैम ग्रेव ने अपने तीसरे प्रयास में 1.88 मीटर की कूद के साथ सोने का तमगा जीता।
Rio Paralympics 🥇 medalist @189thangavelu will compete in High Jump T63 Final at #Tokyo2020 in some time
— SAI Media (@Media_SAI) August 31, 2021
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शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। स्पर्धा में हिस्सा ले रहे तीसरे भारत और रियो 2016 पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता वरूण सिंह भाटी नौ प्रतिभागियों में सातवें स्थान पर रहे। वह 1.77 मीटर की कूद लगाने में नाकाम रहे। टी42 वर्ग में उन खिलाड़ियों को रखा जाता है जिनके पैर में समस्या है, पैर की लंबाई में अंतर है, मांसपेशियों की ताकत और पैर की मूवमेंट में समस्या है।
इस वर्ग में खिलाड़ी खड़े होकर प्रतिस्पर्धा पेश करते हैं। इससे पहले मंगलवार को निशानेबाज सिंहराज अडाना ने पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएफ1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। भारत ने अब तक दो स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक जीते हैं। शरद और मरियप्पन दोनों ने अपने पहले प्रयास में 1.73 मीटर और 1.77 मीटर की दूरी तय की। वरुण भाटी भी सफल रहे, लेकिन 1.80 मीटर का आंकड़ा पार करने में असमर्थ रहे। शरद और मरियप्पन ने पहले प्रयास में 1.80 मीटर और 1.83 मीटर की दूरी तय की।
2016 के रियो खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले वरुण अंततः 1.80 मीटर का आंकड़ा पार करने में विफल रहने के बाद पदक की दौड़ से बाहर हो गए। तमिलनाडु के सलेम जिले के रहने वाले थंगावेलु को पांच साल की उम्र में स्थायी विकलांगता का सामना करना पड़ा, जब एक बस ने उनके दाहिने पैर को घुटने से नीचे कुचल दिया।
जब उन्होंने अपना करियर शुरू किया तो उन्हें अपने परिवार का समर्थन करने और अपने खेल के सपनों को बनाए रखने के लिए एक समाचार पत्र हॉकर के रूप में काम करना पड़ा। 25 वर्षीय थंगावेलु को पिछले साल देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न से भी नवाजा गया था।
टी-42 श्रेणी में, एथलीटों में एक या दोनों अंगों में कूल्हे और/या घुटने के कार्य को प्रभावित करने वाले एक या एक से अधिक प्रकार की हानि होती है और कृत्रिम अंग के बिना थ्रो, जंप और रनिंग प्रतिस्पर्धा में गतिविधि की सीमा होती है।