शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ियों के खिलाफ बेखौफ खेलने में मदद की टेबल टेनिस लीग ने: शरत कमल
By भाषा | Published: July 24, 2019 10:34 PM2019-07-24T22:34:23+5:302019-07-24T22:34:23+5:30
भारतीय स्टार खिलाड़ी अचंत शरत कमल ने कहा कि अल्टीमेट टेबल टेनिस लीग (यूटीटी) की सबसे सफल चीज यह है कि इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है।
नयी दिल्ली, 24 जुलाई। भारतीय स्टार खिलाड़ी अचंत शरत कमल ने कहा कि अल्टीमेट टेबल टेनिस लीग (यूटीटी) की सबसे सफल चीज यह है कि इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है और अब वे शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने में झिझकते नहीं। लीग का तीसरा चरण 25 जुलाई से गत चैम्पियन दबंग दिल्ली और पुणेरी पल्टन के बीच मुकाबले से शुरू होगा जिसमें नये प्रारूप के हिसाब से मुकाबले खेले जायेंगे।
अगले तीन हफ्ते तक चलने वाली दो करोड़ की राशि वाली इस लीग में चेन्नई लायंस, दबंग दिल्ली, गोवा चैलेंजर्स, पुणेरी पल्टन, कोलकाता की आर पी - एस जी मेवरिक्स और यू मुम्बा एक दूसरे से भिड़ेंगी। विजेता टीम को 75 लाख रुपये दिये जायेंगे। इस सत्र में चेन्नई लायंस प्रबल दावेदार मानी जा रही है जिसमें सीनियर खिलाड़ी शरत मौजूद हैं।
शरत ने यूटीटी की सफलता के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘यूटीटी के पहले दो सत्र, विशेषकर पहले सत्र में भारतीय खिलाड़ियों को लगा कि हम शीर्ष विदेशी खिलाड़ियों को पराजित कर सकते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है मनिका बत्रा। दूसरे सत्र में मानव ठक्कर, जिसने क्रिस्टियन कार्लसन को हराया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब हर कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना कर रहा है। ओलंपिक रजत पदकधारी दक्षिण कोरिया के किम टैक सू एशियाई खेलों के बाद हमारे पास आये और उन्होंने कहा कि भारत अब काफी मजबूत टीम है। चीन के कोच भी अभ्यास सत्र के बाद एक साथ खड़े होकर हमारे लिये तालियां बजा रहे थे, हालांकि हम उन्हें हरा नहीं सके थे लेकिन उन्होंने हमारे जज्बे की प्रशंसा की।’’ शरत ने कहा, ‘‘इस लीग ने हमें शीर्ष खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका दिया और इससे हमारे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई। जिससे हमें शीर्ष रैंकिंग के खिलाड़ियों के खिलाफ बेखौफ खेलने के लिये प्रेरित किया।’’
अपनी टीम की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस साल हमारी टीम छुपीरूस्तम नहीं है, बल्कि प्रबल दावेदार हैं। ’’ राष्ट्रीय कोच देजान पेपिच के बारे में बात करते हुए शरत ने कहा, ‘‘ओलंपिक में अब केवल एक साल का समय बचा है तो उन्हें तकनीकी बदलाव करने के बजाय मौजूदा स्थिति को सुधारने पर ध्यान लगाना होगा। हमारा मुख्य लक्ष्य अभी ओलंपिक ही है। बिना कोच के भी हम अच्छा करते रहे, विशेषकर मैं इतने वर्षों तक कोच के बिना रहा हूं। वैसे भी इस खेल में व्यक्तिगत प्रदर्शन मायने रखता है।’’