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खिलाड़ियों ने हमारा दिल ही नहीं जीता, युवा पीढ़ी को प्रेरित भी किया है : मोदी

By भाषा | Updated: August 15, 2021 09:35 IST

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नयी दिल्ली, 15 अगस्त ओलंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता बल्कि आने वाली पीढियों को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है । उन्होंने यह भी कहा कि खेलों में प्रतिभा, तकनीक और पेशेवरपन लाने के लिये जारी अभियान को और तेज तथा व्यापक करना होगा ।

भारत ने हाल ही में संपन्न तोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण सहित सात पदक जीते हैं जो देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है ।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा ,‘‘ एथलीटों पर विशेष तौर पर हम ये गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता है लेकिन उन्होंने आने वाली पीढियों को , भारत की युवा पीढी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली युवा पीढी , ऐसे हमारे एथलीट , हमारे खिलाड़ी आज इस आयोजन में हमारे बीच में हैं । मैं आज देशवासियों को , जो यहां मौजूद हैं, उनको भी और हिंदुस्तान के कोने कोने से जो इस समारोह में मौजूद हैं ,उन सभी को मैं कहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के लिये आइये कुछ पल तालियां बजाकर उनका सम्मान करें ।’’

प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ भारत के खेलों का सम्मान , भारत की युवा पीढ़ी का सम्मान, भारत को गौरव दिलाने वाले युवाओं का सम्मान । देश.... करोड़ों देशवासी आज तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हमारे इन जवानों का, देश की युवा पीढ़ी का गौरव कर रहे हैं , सम्मान कर रहे हैं ।’’

ओलंपिक में पदक विजेता खिलाड़यों समेत भारत के पूरे ओलंपिक दल को लालकिले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया था ।

मोदी ने आगे अपने भाषण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा के महत्व के संदर्भ में खेलों का उदाहरण देकर कहा कि खेल के मैदान में भाषा कभी रूकावट नहीं बनी और नतीजा सभी ने देखा ।

उन्होंने कहा ,‘‘ देश ने देखा है कि खेल के मैदान में भाषा रूकावट नहीं बनी । उसका परिणाम देखा है कि हमारे युवा खिलने लगे हैं । खिल भी रहे हैं और खेल भी रहे हैं । अब ऐसा ही जीवन के अन्य मैदानों में भी होगा ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को पाठ्येत्तर पाठ्यक्रम में नहीं बल्कि मुख्य पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है । जीवन को आगे बढ़ाने में जो भी प्रभावी माध्यम हैं, उनमें एक खेल भी है । जीवन में संपूर्णता के लिये खेलकूद आवश्यक है । एक समय था जब मां बाप बच्चों से कहते थे कि खेलते ही रहोगे तो जीवन बर्बाद कर लोगे लेकिन अब देश में फिटनेस को लेकर और खेलों को लेकर जागरूकता आई है ।’’

प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ इस बार ओलंपिक में भी हमने ये बदलाव देखा है और अनुभव किया है । ये बदलाव हमारे देश के लिये बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट है । इसलिये आज देश में खेलों में प्रतिभा, तकनीक और पेशेवरपन लाने के लिये जो अभियान चल रहा है, इस दशक में हमें उसे और तेज करना है और व्यापक करना है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ ये देश के लिये गर्व की बात है कि शिक्षा हो या खेल , हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं । आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिये आतुर हैं और हमें यह सुनिश्चित करना है कि हर कैरियर और कार्यक्षेत्र में उनकी समान सहभागिता हो । महिलाओं में सुरक्षा और सम्मान का भाव हो ।’

तोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए भालाफेंक में स्वर्ण पदक जीतकर एथलेटिक्स में भारत को पहला पदक दिलाया । इसके अलावा भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने मॉस्को ओलंपिक 1980 के बाद ओलंपिक में पहला पदक जीता और कांसे की हकदार रही। भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि दहिया ने रजत पदक जीते जबकि बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू , कुश्ती में बजरंग पूनिया और मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन को कांस्य पदक मिले ।

तोक्यो में 23 जुलाई से आठ अगस्त तक हुए ओलंपिक खेलों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भारत के प्रदर्शन पर लगातार नजर रखे हुए थे । हर प्रतिस्पर्धा के बाद उन्होंने ट्विटर के माध्यम से खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई की और उनसे संवाद भी किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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