दिवंगत पिता ने ओलंपिक टीम में मेरी चयन का सपना देखा था: लालरेमसियामी

By भाषा | Published: June 20, 2021 03:04 PM2021-06-20T15:04:20+5:302021-06-20T15:04:20+5:30

Late father dreamed of my selection in Olympic team: Lalremsiami | दिवंगत पिता ने ओलंपिक टीम में मेरी चयन का सपना देखा था: लालरेमसियामी

दिवंगत पिता ने ओलंपिक टीम में मेरी चयन का सपना देखा था: लालरेमसियामी

... सौम्योज्योति एस चौधरी ...

नयी दिल्ली, 20 जून महिला युवा हॉकी खिलाड़ी लालरेमसियामी ने रविवार को कहा कि तोक्यो जाने वाली भारतीय टीम में चयन उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे उन्हें अपने दिवंगत पिता के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी।

इस 21 वर्षीया खिलाड़ी ने 16 सदस्यीय टीम में जगह बनाकर इतिहास रच दिया था। वह हॉकी टीम में ओलंपिक के लिए चुने जाने वाली मिजोरम की पहली महिला खिलाड़ी बनीं। इसके साथ ही 25 साल के बाद मिजोरम की किसी खिलाड़ी को ओलंपिक जाने का मौका मिलेगा।

मिजोरम के कोलासिब की रहने वाली इस खिलाड़ी ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मेरे लिये यह बड़ी बात है। मेरी छोटी करियर की यह सबसे बड़ी उपलब्धि है।’’

लालरेमसियामी पिछले साल जापान के हिरोशिमा में एफआईएच सीरिज में चिली के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला खेल रही थी तभी भारत में उनके पिता का निधन हो गया था लेकिन उन्होंने देश वापस आने की जगह, टीम के साथ बने रहने की तरजीह दी। भारतीय टीम जापान को 3-1 से हराकर चैम्पियन बनी।

इस युवा खिलाड़ी को हालांकि मलाल है कि वह अपने पिता को अंतिम विदायी नहीं दे सकी।

उन्होंने कहा, ‘‘ वे मेरे सबसे बड़े समर्थक थे। मेरे करियर में मेरे द्वारा लिए गए हर फैसले पर उन्हें भरोसा था। मुझे सिर्फ इस बात का अफसोस यह है कि मैं उसे अंतिम विदायी नहीं दे सकीं। लेकिन उन्हें मेरे फैसले पर जरूर गर्व हुआ होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ टीम के साथ बने रहना मेरे जीवन का सबसे कठिन फैसला था लेकिन मेरा मानना ​​है कि मेरे पापा मेरे फैसले से खुश होंगे क्योंकि वह चाहते थे कि मैं देश की सेवा करूं और एक दिन ओलंपिक में खेलूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘काश पापा आज जिंदा होते, अपनी बेटी को ओलिंपिक में खेलते हुए देखना उनका सपना था और मैं उसे पूरा कर रहीं हूं।’’

मिजोरम में फुटबॉल और तीरंजादी लोकप्रिय खेल है और हॉकी में नाम बनाने के लिए इस खिलाड़ी को काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने हालांकि कड़ी मेहनत से सबको गलत साबित किया और 2019 में एफआईएच पुरस्कारों में उदयीमान महिला खिलाड़ी चुनी गयी।

वह अब तोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती है जिससे भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार इन खेलों में पदक जीत सके।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह असम्भव नहीं है। हम पदक जीत सकते हैं क्योंकि आधुनिक हॉकी में दो टीमों के बीच बहुत कम अंतर होता है। अगर आप अपनी क्षमता के अनुसार खेलते हैं और आपका दिन अच्छा रहा तो आप किसी भी टीम को हरा सकते है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने कोविड-19 महामारी के इस कठिन समय में वास्तव में कड़ी मेहनत की है। हमने कई समायोजन और सामंजस्य बैठाने पर काम किए हैं, इसलिए हम इसे व्यर्थ नहीं जाने देंगे। मैं टीम में अपनी भूमिका जानती हूं और उन्हें पूरा करने की दिशा में काम करूंगी।

भारतीय महिला टीम 1980 और 2016 के बाद तीसरी बार ओलंपिक में हिस्सा लेगी।

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