भारतीय महिला हॉकी टीम 41 वर्षों में पहली बार ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में

By भाषा | Updated: July 31, 2021 19:31 IST2021-07-31T19:31:38+5:302021-07-31T19:31:38+5:30

Indian women's hockey team enters Olympic quarter-finals for the first time in 41 years | भारतीय महिला हॉकी टीम 41 वर्षों में पहली बार ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में

भारतीय महिला हॉकी टीम 41 वर्षों में पहली बार ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में

तोक्यो, 31 जुलाई भारतीय महिला हॉकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका पर 4-3 की जीत और बाद में मौजूदा चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन की आयरलैंड पर 2-0 की विजय से शनिवार को यहां 41 वर्षों में पहली बार ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

भारत ग्रुप ए में छह अंक लेकर चौथे स्थान पर रहा। उसने लगातार मैचों में आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका को हराया। सोमवार को क्वार्टर फाइनल में उसका सामना पूल बी से शीर्ष पर रहे आस्ट्रेलिया से होगा।

प्रत्येक पूल से चोटी की चार टीमें नाकआउट दौर में पहुंचती हैं।

भारतीय महिला टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में मास्को ओलंपिक में रहा जहां वह सेमीफाइनल में पहुंची थी लेकिन आखिर में उसे चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था।

भारत को भले ही अंतिम आठ में पहुंचने के लिये ग्रेट ब्रिटेन की जीत की जरूरत थी लेकिन कोई भी वंदना कटारिया से श्रेय नहीं ले सकता जिन्होंने सुबह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत में ऐतिहासिक हैट्रिक बनायी।

वंदना ने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किया । वह ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई । नेहा गोयल ने 32वें मिनट में एक गोल दागा ।

दक्षिण अफ्रीका के लिये टेरिन ग्लस्बी (15वां), कप्तान एरिन हंटर (30वां) और मेरिजेन मराइस (39वां मिनट) ने गोल दागे ।

भारत को स्पर्धा में बने रहने के लिये हर हालत में यह मैच जीतना था । भारतीयों ने पहले मिनट से ही दबाव बनाना शुरू कर दिया । मैच के पहले दो मिनट में भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर का खराब फॉर्म जारी रहा ।

भारतीय कप्तान रानी ने मैच के बाद कहा ,‘‘ आज का मैच बहुत कठिन था । दक्षिण अफ्रीका ने कड़ी चुनौती दी । उन्होंने अपने मौके भुनाये । हम डिफेंस में बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे ।’’

भारत के मुख्य कोच शोर्ड मारिन ने कहा ,‘‘हमने काफी गोल दे दिये । हम इससे ज्यादा गोल कर सकते थे । हमें यह मैच हर हालत में जीतना था और हम जीते ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘इन हालात में खेलना आसान नहीं है । पिच पर 35 डिग्री से अधिक तापमान था और उमस भी ।’’

भारत का खाता चौथे मिनट में वंदना ने खोला । दाहिने फ्लैंक से नवनीत कौर के बनाये मूव पर करीब से गेंद लेकर उन्होंने यह गोल किया ।इसके बाद भी भारतीयों ने दबाव बनाये रखा और दक्षिण अफ्रीका के गोल पर कई हमले बोले ।

पहले क्वार्टर के आखिरी पलों में हालांकि ग्लास्बी के गोल पर दक्षिण अफ्रीका ने बराबरी की ।

दूसरे क्वार्टर के दूसरे मिनट में वंदना ने फिर भारत को बढत दिलाई और पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया । भारत को इस क्वार्टर में तीन मौके और मिले लेकिन गोल नहीं हो सका ।

पहले क्वार्टर की ही तरह भारत ने हाफ टाइम से ठीक पहले बढत गंवा दी । हंटर ने अपनी टीम कोमिले पहले पेनल्टी कॉर्नर पर बराबरी का गोल किया ।

दूसरे हाफ में नेहा ने दूसरे ही मिनट पर पेनल्टी कॉर्नर पर लिये गए वेरिएशन पर गोल दागा । एक बार फिर मराइस के गोल पर दक्षिण अफीका ने बराबरी की ।

भारत के लिये चौथा गोल 49वें मिनट में वंदना ने किया ।

मारिन ने कहा ,‘प्रदर्शन में निरंतरता जरूरी है । कल हमने बहुत अच्छा खेला और फिर आज लगातार दूसरे दिन मैच खेलना था । हमारे बेसिक्स आज उतने सही नहीं थे जितने कि कल ।’

उन्होंने कहा ,‘‘हम जीतने के लिये ही आये थे । क्वार्टर फाइनल से नयी शुरूआत होती है और पूल मैचों का प्रदर्शन मायने नहीं रखता । वहां अलग ही तरह का खेल होता है । अच्छी बात यह है कि हमारे लिये आखिरी दो मैच भी नॉकआउट की तरह ही थे।

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Web Title: Indian women's hockey team enters Olympic quarter-finals for the first time in 41 years

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