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पैरालंपिक में पदकों की सौगात : दो रजत पदक जीते, एक कांस्य पर अभी फैसला बाकी

By भाषा | Updated: August 29, 2021 21:32 IST

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भारत के लिये पैरालंपिक खेलों में रविवार का दिन पदकों की सौगात लेकर आया। टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने रजत पदक जीते लेकिन विनोद कुमार का चक्का फेंक में कांस्य पदक उनके क्लासीफिकेशन को लेकर विरोध दर्ज होने के कारण रोक दिया गया।बारह साल की उम्र में पोलियो से ग्रस्त होने वाली भाविनाबेन टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन वह एतिहासिक रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं। निषाद कुमार ने पुरूषों की ऊंची कूद टी47 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड के साथ रजत पदक जीता। विनोद कुमार ने भी पुरुषों के चक्का फेंक की एफ52 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड बनाया और कांस्य पदक अपने नाम किया, लेकिन फिलहाल उसे रोक दिया गया है।इससे राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारत का जश्न का माहौल कुछ फीका पड़ गया। विनोद को क्लासीफिकेशन में एफ52 में रखा गया। इसमें वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। रीढ़ की हड्डी में चोट वाले या ऐसे खिलाड़ी जिनका कोई अंग कटा हो, वे भी इसी वर्ग में हिस्सा लेते हैं।अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किस आधार पर क्लासिफिकेशन को चुनौती दी गयी है। खेलों के आयोजकों के बयान के अनुसार, ‘‘प्रतियोगिता में क्लासिफिकेशन निरीक्षण के कारण इस स्पर्धा का नतीजा अभी समीक्षा के अधीन है। पदक समारोह भी 30 अगस्त के शाम के सत्र तक स्थगित कर दिया गया है। ’’ भारत के दल प्रमुख गुरशरण सिंह ने पीटीआई से कहा कि विनोद कुमार का पदक अभी बना रहेगा।तोक्यो पैरालंपिक में भारत का खाता 34 वर्षीय भाविनाबेन ने खोला। वह फाइनल में दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ से 19 मिनट में 7-11, 5-11, 6-11 से हार गई। भाविनाबेन पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थी।पैरालंपिक की टेबल टेनिस स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी भाविनाबेन ने कहा, ‘‘मैं पदक जीतकर बेहद खुश हूं लेकिन थोड़ी निराश भी हूं। मैं थोड़ी नर्वस हो गई थी।’’ व्हीलचेयर पर बैठकर खेलने वाली भाविनाबेन को इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पहले ग्रुप मैच में भी झाउ के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था।भाविनाबेन ने उम्मीद जताई कि उनकी सफलता से दिव्यांगता के प्रति लोगों की धारणा बदलेगी और दिव्यांगों के लिए अधिक मौके बनेंगे।उन्होंने कहा, ‘‘बड़े होते हुए मैं जिन चीजों से गुजरी हूं, मैं नहीं चाहती कि दिव्यांग लोगों की अगली पीढ़ी को उन चीजों का सामना करना पड़े।’’पुरुषों की ऊंची कूद की टी47 स्पर्धा में 21 वर्षीय निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की कूद लगाकर एशियाई रिकार्ड बनाया और दूसरे स्थान पर रहे। अमेरिका के डलास वाइज को भी रजत पदक दिया गया क्योंकि उन्होंने और कुमार दोनों ने समान 2.06 मीटर की कूद लगायी। एक अन्य अमेरिकी रोडरिक टाउनसेंड ने 2.15 मीटर की कूद के विश्व रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसी स्पर्धा में एक अन्य भारतीय राम पाल 1.94 मीटर की कूद से पांचवें स्थान पर रहे। टी47 क्लास स्पर्धा में एथलीट के एक हाथ के ऊपरी हिस्से में विकार होता है जिससे उसके कंधे, कोहनी और कलाई से काम करने पर कुछ असर पड़ता है। हिमाचल प्रदेश के ऊना के कुमार ने एक दुर्घटना में अपना दायां हाथ गंवा दिया, तब वह आठ वर्ष के थे।चक्का फेंक में 41 वर्षीय विनोद कुमार ने 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) से पीछे रहे जिन्होंने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किये। विनोद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से जुड़ने के बाद ट्रेनिंग करते समय लेह में एक चोटी से गिर गये थे जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। इसके कारण वह करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था।तीरंदाजी में हालांकि राकेश कुमार और ज्योति बालियान की जोड़ी के क्वार्टर फाइनल से हार के साथ रिकर्व तीरंदाजी प्रतियोगिता के मिश्रित युगल वर्ग में भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। छठी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को मुकाबले के पहले चरण के आखिर में छह अंक का निशाना लगाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। भारतीय जोड़ी करीबी मुकाबले में तुर्की की ओजनूर क्योर और बुलेंट कोरकमज से 151-153 से हार गयी। इस भारतीय जोड़ी ने इससे पहले अपने पहले दौर के मुकाबले में थाईलैंड के एनॉन औंगापहीनान और प्रफापोर्न होमजानथुइक को 147-141 से हराया था। कंपाउंड वर्ग के महिला एकल में भी ज्योति की हार के साथ भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। ज्योति को पहले दौर में आयरलैंड के केरी-लुईस लियोनार्ड ने 141-137 से शिकस्त दी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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