आज का पंचांग 31 अक्टूबर 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय
By रुस्तम राणा | Published: October 31, 2024 05:30 AM2024-10-31T05:30:37+5:302024-10-31T05:30:37+5:30
Aaj Ka Panchang 31 October 2024: आज का पंचांग, आज की तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग के साथ-साथ अभिजीत मुहुर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, चंद्र राशि, सूर्य राशि के बारे में जानकारी देता है।
Today Panchang | आज का पंचांग, 31 अक्टूबर, 2024
सूर्योदय | 06:32 ए एम |
सूर्यास्त | 05:36 पी एम |
चंद्रोदय | 06:13 ए एम, नवम्बर 01 |
चंद्रास्त | 04:50 पी एम |
तिथि | चतुर्दशी, 03:52 पी एम तक अमावस्या |
नक्षत्र | चित्रा, 12:45 ए एम, नवम्बर 01 तक स्वाति |
योग | विष्कंभ, 09:51 ए एम तक प्रीति |
करण | शकुनि, 03:52 पी एम तक चतुष्पाद, 05:06 ए एम, नवम्बर 01 तक नाग |
वार | गुरुवार |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:48 ए एम से 05:40 ए एम |
अभिजीत मुहूर्त | 11:41 ए एम से 12:26 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 05:36 पी एम से 06:01 पी एम |
अमृतकाल | 05:32 पी एम से 07:20 पी एम |
विजय मुहूर्त | 01:54 पी एम से 02:39 पी एम |
निशिता मुहूर्त | 11:38 पी एम से 12:30 ए एम, नवम्बर 01 |
राहुकाल | 01:27 पी एम से 02:50 पी एम |
अमांत | आश्विन |
पूर्णिमांत | कार्तिक |
पक्ष | कृष्ण |
ऋतु | शरद |
सूर्य राशि | तुला |
चंद्र राशि | कन्या, 11:16 ए एम तक तुला |
विक्रमी संवत् | 2081 |
शक संवत् | 1945 शोभकृत |
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त का विचार अवश्य किया जाता है। शादी-ब्याह, ग्रह प्रवेश, नवीन कार्य आदि अनुष्ठान पंडितों, ज्योतिषियों से पूछकर किए जाते हैं। ऐसे ही दैनिक जीवन में शुभ कार्य के लिए भी पंचांग देखा जाता है। दैनिक जीवन में कौनसा समय आपके लिए शुभ होगा और कौनसा समय आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। ये जानकारी आपको आज का पंचांग के माध्यम से प्राप्त होती है। आज का पंचांग, आज की तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग के साथ-साथ मुहुर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, चंद्र राशि, सूर्य राशि के बारे में जानकारी देता है।
क्या होता है पंचांग?
हिन्दू शास्त्र के अनुसार, पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार हैं। हिन्दू धार्मिक परंपरा में किसी भी शुभ मुहूर्त को निकालने के लिए पंचांग का प्रयोग किया जाता है। पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।
शुभ मुहूर्त निकालने में पंचांग की भूमिका
जैसा कि प्राचीन समय से बताया गया है कि हर क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसी तरह जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप कार्य करता है तो पर्यावरण प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान तरीके से कार्य करता है। एक शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले महत्वपूर्ण तिथि का चयन करने में हिन्दू पंचांग मुख्य भूमिका निभाता है।
ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित होती है गणना
भारतीय पंचांग ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित है, जिसकी गणना सटीक होती है। यही कारण है कि हिन्दू संस्कृति में शादी-मुंडन, गृह प्रवेश सहित सोलह संस्कार एवं महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य के लिए पंचांग से शुभ मुहुर्त निकाला जाता है।