तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद हारी मैरीकॉम, ओलंपिक से बाहर
By भाषा | Updated: July 29, 2021 18:49 IST2021-07-29T18:49:05+5:302021-07-29T18:49:05+5:30

तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद हारी मैरीकॉम, ओलंपिक से बाहर
तोक्यो, 29 जुलाई छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (51 किग्रा) का दूसरा ओलंपिक पदक जीतने का सपना गुरुवार को यहां तोक्यो खेलों के प्री क्वार्टरफाइनल में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हारकर समाप्त हो गया।
यह विडम्बना ही है कि वह तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद हार गयी।
मुकाबले के बाद 38 वर्षीय मैरीकॉम ने कहा, ‘‘नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की रणनीति को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते। ’’
भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ गयीं जिसमें पांच में से चार जज ने 10-9 के स्कोर से वालेंसिया के पक्ष में फैसला किया।
अगले दो राउंड में पांच में से तीन जजों ने मैरीकॉम के पक्ष में फैसला किया लेकिन कुल स्कोर फिर भी वालेंसिया के हक में रहा।
मणिपुरी ने तीसरा राउंड 4-1 के नहीं बल्कि 3-2 के अंतर से जीता था जबकि अपने हक में नतीजा करने के लिये उन्हें इसी स्कोर (4-1) की जरूरत थी।
कई बार की एशियाई चैम्पियन और 2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने इस चुनौतीपूर्ण मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सकी जो 38 वर्षीय महान मुक्केबाज का अंतिम ओलंपिक मुकाबला होगा।
जब रैफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी।
इस निराशा के बावजूद मैरीकॉम ने कहा कि उनकी अभी खेल से संन्यास लेने की कोई इच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब भी लड़ सकती हूं, मैं अब भी काफी ताकतवर हूं। अगर आप में जज्बा है (तो आप लड़ सकते हो), निश्चित रूप से अनुशासन के साथ ट्रेनिंग भी बहुत महत्वपूर्ण है। मैं 20 साल से मुक्केबाजी कर रही हूं। ’’
चार बच्चों की मां राज्य सभा सदस्य भी हैं, उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘मणिपुरी लोगों में लड़ने का जज्बा होता है, पुरूषों और महिलाओं दोनों में। लेकिन महिलाओं में यह थोड़ा ज्यादा होता है। ’’
जिस तरीके से वालेंसिया पहली घंटी बजने के बाद भागी थी, उससे लग रहा था कि यह मुकाबला कड़ा होने वाला है और ऐसा ही हुआ भी।
शुरू से ही दोनों मुक्केबाज एक दूसरे पर मुक्के जड़ रही थीं लेकिन वालेंसिया अपनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पिछली दो हार का बदला चुकता करने के लिये विश्वास से भरी दिख रही थीं।
मणिपुर की अनुभवी मुक्केबाज मैरीकॉम ने दूसरे और तीसरे राउंड में दाहिने ‘हुक’ का बखूबी इस्तेमाल करके शानदार वापसी की। उन्होंने चुनौतीपूर्ण मुकाबले के बावजूद खुद को अंत तक जिस तरीके से ऊर्जावान बनाये रखा उसके लिये उनकी दाद देनी होगी।
भारतीय मुक्केबाज के निजी ट्रेनर छोटे लाल यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पता नहीं यह स्कोरिंग प्रणाली कैसी है, मुझे यह समझ नहीं आती। वह पहले राउंउ में 1-4 से पीछे कैसे हो सकती है जब दोनों में कुछ भी चीज अलग नहीं थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है लेकिन मुझे लगता है कि यही भाग्य है। ’’
मैरीकॉम 2019 विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में पहले वालेंसिया को हरा चुकी हैं। कोलंबियाई मुक्केबाज की यह मैरीकॉम पर पहली जीत है।
मैरीकॉम की तरह 32 साल की वालेंसिया भी अपने देश के लिये काफी अहम खिलाड़ी हैं। वह पहली महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया और वह पहली महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने देश के लिये ओलंपिक पदक जीता।
खेल की दिग्गज मैरीकॉम ने कहा, ‘‘जब मैं अपनी स्मृतियों को देखती हूं तो यह शानदार है। यह कहना बहुत आसान होता है कि मैं एक या दो बार की विश्व चैम्पियन हूं। लेकिन हकीकत में यह करना आसान नहीं है। इसके लिये आपको विशिष्ट व्यक्तित्व का होना चाहिए।
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