नई दिल्ली, 13 अप्रैल: भारत की स्टार बॉक्सर एमसी मैरी कॉम ने शनिवार को गोल्ड कोस्ट में अपना पहला कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल जीता। मैरी कॉम ने 45-48 किलोग्राम कैटिगरी के फाइनल में नॉदर्न आयरलैंड की क्रिस्टीना ओ हारा को 5-0 से रौंदते हुए भारत को इन खेलों का 18वां गोल्ड जिताया। मैरी कॉम कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बॉक्सर बन गई हैं।
वहीं पुरुषों की कैटगिरी में 52 किलोग्राम में गौरव सौलंकी ने गोल्ड मेडल जीता तो वहीं पुरुषों की 46-49 किलोग्राम में अमित फंघल और 60 किलोग्राम वर्ग में मनीष कौशिक ने सिल्वर मेडल जीता। अमित फाइनल में इंग्लैंड के गलासा यफाई से हार गए और उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। गौरव इन कॉमनवेल्थ गेम्स में बॉक्सिंग में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। साथ ही वह इन खेलों में फ्लाइटवेट का गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं, उनसे पहले सुरंजॉय सिंह ने 2010 में कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता था।
पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन, ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट और पांच बार एशियन चैंपियनशिप जीत चुकी मैरी कॉम इस बार के खेलों में महिला बॉक्सिंग में मेडल की दौड़ में शामिल एकमात्र भारतीय थीं। इससे पहले पिंकी रानी, एल सरिता देवी और लवलीना पदक की दौड़ से बाहर हो चुकी थीं।
फाइनल मुकाबले में तीन-तीन मिनट के तीनों राउंड में मैरी कॉम पूरी तरह हावीं रहीं और ओ हारा को उन्होंने कोई मौका नहीं दिया। मैरी कॉम ने ओ हारा के खिलाफ आक्रमण और रक्षात्मक के मिश्रण के साथ हमला बोला, जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं था।
पहले हाफ में मैरी कॉम ने अपनी विपक्षी पर जमकर हमला बोला लेकिन दूसरे राउंड में जब ओ हारा ने आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश की तो मैरी कॉम ने शानदार रक्षात्मक रुख का परिचय दिया। तीसरे राउंड में ओ हारा ने वापसी की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और मैरी कॉम को सर्वसम्मति से विजेता घोषित कर दिया गया।