गोल्ड कोस्ट, 14 अप्रैल: पांच बार की वर्ल्ड चैम्पियन और लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालीं एमसी मैरी कॉम (48 किलो) के कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला गोल्ड जीतने के बाद बॉक्सिंग में गौरव सोलंकी (52 किलो) और विकास कृष्ण (75 किलो) ने भी पीला तमगा जीता।
हालांकि, अमित पंघाल (49 किलो) और मनीष कौशिक (60 किलो) और सतीश कुमार को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। भारत इस बार राष्ट्रमंडल खेलों से मुक्केबाजी के 9 पदक लेकर लौट रहा है। इससे पहले दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत बॉक्सरों ने सबसे ज्यादा 7 मेडल जीते थे।
पहली और संभवत: आखिरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रही 35 साल की मैरी कॉम ने महिलाओं के 48 किलो फाइनल में उत्तरी आयरलैंड की क्रिस्टीना ओहारा को 5-0 से हराया। जीत के बाद मैरी कॉम ने कहा, 'मुझे खुशी है कि मैंने फिर इतिहास रचा। देश के लिये इन खेलों में महिला मुक्केबाजी में पहला पदक जीतकर अच्छा लग रहा है।' पांच महीने पहले एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली मैरी कॉम ने जनवरी में इंडिया ओपन जीता था। उन्होंने बुल्गारिया में स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में भी रजत पदक जीता था।
गौरव सोलंकी और विकास का 'गोल्डन पंच'
पुरूष वर्ग में सोलंकी ने उत्तरी आयरलैंड के ब्रेंडन इरविन को 4 -1 से हराया । वह तीसरा दौर हार गए थे लेकिन पहले दो दौर में प्रदर्शन इतना अच्छा रहा कि अपने पदार्पण खेलों में ही उन्होंने स्वर्ण जीत लिया। इसके बाद, एशियाई खेलों में स्वर्ण और वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीत चुके विकास ने कैमरून के डियूडोन विल्फ्रेड को 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।
दूसरी ओर +91किलोग्राम के फाइनल में सतीश कुमार इंग्लैंड के फ्रेजर क्लार्क से हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद वह सिल्वर मेडल अपने नाम करने में कामयाब रहे। वहीं, बॉक्सर मनीष कौशिक को 60 किलोग्राम कैटिगरी में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हैरी गरसिडे से हार कर सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। अमित पंघल 46-49 किलोग्राम फाइनल में इंग्लैंड के गलासा यफाई से हारे।