जकार्ता, 28 अगस्त:एशियन गेम्स इतिहास में जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने नीरज चोपड़ा ने यो ऐतिहासिक गोल्ड हाल ही में अपने कोच के निधन की खबर के दुख से उबरते हुए जीता है।
बाहरी दिल्ली के एक गांव से आने वाले किसान के बेटे नीरज चोपड़ा ने 88.06 मीटर की दूरी तक जैवलिन फेंकते हुए नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले वह अप्रैल में कॉमनवेल्थ गेम्स में जैवलिन का गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
एशियन गेम्स गोल्ड जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा, 'ये आसान नहीं था, मैं एशियन गेम्स रिकॉर्ड तोड़ना चाहता था लेकिन ये अब भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।'
चोपड़ा ने ओलंपिक उम्मीदों के बारे में कहा, 'मैं अब भी और आगे जा सकता हूं। लेकिन एक सफल थ्रो के लिए सबकुछ सर्वश्रेष्ठ तरीके से साथ होनी होती है। ये तभी होता है जब तकनीक और गति सर्वश्रेष्ठ होती है-जैसा मेरे तीसरे प्रयास में हुआ।'
नीरज चोपड़ा ने बताया कि उन्हें पिछले हफ्ते अपने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कोच गैरी कालवर्ट के निधन की खबर से गहरा धक्का लगा था, जिनकी कोचिंग में उन्होंने 2016 का वर्ल्ड जूनियर खिताब जीता था।
अब पूर्व वर्ल्ड चैंपियन उवे हॉन के अंडर ट्रेनिंग करने वाले चोपड़ा ने कहा, 'उन्होंने (कालवर्ट) मुझसे कहा था कि हम एशियन गेम्स में मिलेंगे। मैं फिनलैंड में था जब मुझे उनकी मौत की खबर मिली, ये मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था।'
नीरज चोपड़ा का जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल भारत का एशियन गेम्स में 36 साल बाद पहला मेडल है। इससे पहले 1982 एशियन गेम्स में गुरतेज सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
चोपड़ा ने एशियन गेम्स में जैवलिन थ्रो के फाइनल में पहले प्रयास में 83.46 मीटर की दूरी तक भाला फेंका था। लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने 88.06 मीटर की दूरी हासिल करते हुए गोल्ड मेडल जीता। चीन की लियू क्विझेन 82.22 मीटर की दूरी के साथ सिल्वर और पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 80.75 मीटर दूरी के साथ ब्रॉन्ज जीता।
91.36 मीटर की दूरी के साथ एशियन गेम्स रिकॉर्ड बनाने वाले ताइवान के चेंग चाओ सुन 80 मीटर की दूरी तक ही भाला फेंक पाए और पांचवें स्थान पर रहे।