देवेंद्र फड़नवीस को 2014 चुनाव संबंधित शिकायत मामले में मिली क्लीन चिट सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, ट्रायल को दी मंजूरी
By अभिषेक पाण्डेय | Updated: October 1, 2019 12:37 IST2019-10-01T12:13:52+5:302019-10-01T12:37:03+5:30
Devendra Fadnavis: सुप्रीम कोर्ट ने 2014 चुनावों में हलफनामे में गलत जानकारी देने के मामले में देवेंद्र फड़नवीस को मिली क्लीन चिट खारिज कर दी है

सुप्रीम कोर्ट ने दी 2014 चुनावी हलफनामे मामले में देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ ट्रायल चलाने की अनुमति
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीसको सोमवार को तब झटका लगा, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2014 विधानसभा चुनावों के दौरान चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के आरोप के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दी गई क्लीन चिट के आदेश को रद्द कर दिया। अब इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा।
इस आदेश से 21 अक्टूबर से शुरू होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में देंवेद्र फड़नवीस की भागीदर पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फड़नवीस के खिलाफ लंबित सभी आपराधिक मामलों की जानकारी न देने का आरोप लगाते हुए उनके विधानसभा चुनावों में शामिल होने को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया गया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता, जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने वकील सतीश उकी (Satish Ukey) द्वारा दायर शिकायर पर कहा कि फड़नवीस के खिलाफ इस मामले की सुनवाई मजिस्ट्रेट कोर्ट में जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फड़नवीस को इन मामलों की जानकारी थी लेकिन अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया।
चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने पर सजा का प्रावधान
अपने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के मामले में जानकारी छुपाने या गलत जानकारी देने का दोषी पाए जाने पर छह महीने की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
फडनवीस के खिलाफ 1996 और 1998 में में कथित धोखाधड़ी और जालसाजी के दो केस दर्ज किए गए थे, लेकिन आरोप तय नहीं किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फड़नवीस के खिलाफ ट्रायल कोर्ट को आगे बढ़ने का आदेश दिया है।Supreme Court sets aside the Bombay High Court order which had dismissed the plea that sought annulment of Maharashtra CM Devendra Fadnavis's election to the Assembly alleging non-disclosure of all pending criminal cases against him. pic.twitter.com/xIT3ZH92GK
— ANI (@ANI) October 1, 2019