Maharashtra Taja Khabr: उद्धव ठाकरे सरकार ने बताया, वेतन और पेंशन पर डेढ़ लाख करोड़ रुपये किए खर्च
By भाषा | Updated: March 4, 2020 08:12 IST2020-03-04T08:12:32+5:302020-03-04T08:12:32+5:30
महाराष्ट्र पर पहले ही 24 लाख लोगों के वेतन और पेंशनों पर 1.51 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का भार है। उधारी समेत राज्य की कुल आमदनी चार लाख करोड़ रुपये है।

उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को विधान परिषद को बताया कि राज्य की सालाना चार लाख करोड़ की आमदनी में से 1.51 लाख करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन और पेंशनों पर खर्च किये गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की पुरानी पेंशन योजनाओं को वापस लाने का कोई कारण नहीं है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''केंद्र और राज्य सरकारों ने 2005 में सोच-समझकर राष्ट्रीय पेंशन योजना को अपनाने का निर्णय लिया था, लिहाजा पुरानी पेंशन योजनाओं को वापस लाने का कोई कारण नहीं है।''
उन्होंने कहा, ''महाराष्ट्र पर पहले ही 24 लाख लोगों के वेतन और पेंशनों पर 1.51 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का भार है। उधारी समेत राज्य की कुल आमदनी चार लाख करोड़ रुपये है। अगर हम पुरानी पेंशन योजनाओं को वापस लाते हैं तो भविष्य में हम वेतन ही देते रह जाएंगे और अन्य कामों के लिये पैसा नहीं बचेगा।''
इधर, महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने मंगलवार को विधान परिषद में यह संकेत दिया कि सभी किसानों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना इस संबंध में एक अंतिम रिपोर्ट आने के बाद शुरू हो सकती है। वह भाजपा विधान पार्षद परिणय फुके के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री राज्य में बिजली के उत्पादन और पारेषण की समीक्षा कर रहे हैं। इस पर रिपोर्ट तीन महीनों में उपलब्ध होगा। हालांकि उप मुख्यमंत्री अजित पवार पहले कह चुके हैं कि मौजूदा समय में किसानों को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त में देना संभव नहीं है।