महाराष्ट्र: विदर्भ में उद्योग के लिए ₹ 60485 करोड़ का एमओयू...10 हजार हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण- बोले राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत

By आनंद शर्मा | Published: July 12, 2023 11:44 PM2023-07-12T23:44:36+5:302023-07-12T23:49:52+5:30

मंत्री सामंत ने कहा कि फॉक्सकॉन-वेदांता की औद्योगिक इकाई महाराष्ट्र में क्यों नहीं लग सकी? इसका जवाब राज्य की जनता को देने के लिए राज्य सरकार आगामी मानसून सत्र में श्वेतपत्रिका जारी करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की राज्य सरकार से उचित प्रतिसाद न मिलने से, गुजरात की तुलना में मौजूदा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 10 हजार करोड़ रु. का इंसेंटिव देने पर भी यह इकाई बाहर चली गई।

MoU worth ₹ 60485 crore for industry in Maharashtra Vidarbha said State Industries Minister Uday Samant | महाराष्ट्र: विदर्भ में उद्योग के लिए ₹ 60485 करोड़ का एमओयू...10 हजार हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण- बोले राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत

महाराष्ट्र: विदर्भ में उद्योग के लिए ₹ 60485 करोड़ का एमओयू...10 हजार हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण- बोले राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत

Highlightsराज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने महाराष्ट्र के बारे में बोला है। उन्होंने कहा है कि पिछले एक साल में 1,18,422 करोड़ रु. के विदेशी निवेश के साथ महाराष्ट्र देश में अव्वल रहा है।बता दें कि यह खुलासा केंद्र सरकार और एसबीआई के सर्वे में हुआ है।

मुंबई:  राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि पिछले एक साल में 1,18,422 करोड़ रु. के विदेशी निवेश के साथ महाराष्ट्र देश में अव्वल रहा है। यह खुलासा केंद्र सरकार और एसबीआई के सर्वे में हुआ है।
अब तक राज्य सरकार ने 2,23,327 करोड़ रु. के एमओयू किए हैं. इनमें से 60485 करोड़ रुपए के एमओयू अकेले विदर्भ में हुए हैं। इनसे यहां 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

नई हाइड्रोजन, टेक्सटाइल और आईटी पॉलिसी की बदौलत विदेशी और घरेलू औद्योगिक निवेश बढ़ेगा। इसका लाभ विदर्भ को भी होगा। वे नागपुर में एमआईडीसी द्वारा आयोजित कार्यशाला के बाद पत्र परिषद में बोल रहे थे।

विदर्भ में औद्योगिक निवेश को लेकर क्या बोले मंत्री उदय सामंत 

मंत्री उदय सामंत ने आगे कहा कि विदर्भ में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए एमआईडीसी के अमरावती विभाग में 4445 हेक्टेयर और नागपुर विभाग में 5685 हेक्टेयर जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं, विदर्भ में 13 हजार करोड़ रु. की रिन्युएबल इंडस्ट्री लगाने के लिए एमओयू हुआ है।

इससे विदर्भ में 15 से 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं, चंद्रपुर और मेलघाट में ट्राइबल क्लस्टर को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, गढ़चिरोली, चंद्रपुर में 40 हजार करोड़ रु. की लागत के स्टील प्रोजेक्ट्स 6 कंपनियां लगाएंगी।

इसके लिए जमीन आवंटित की गई है। शीघ्र ही यह प्रोजेक्ट शुरू होंगे। पानी, बिजली व अन्य सुविधाओं के लिए बूटीबोरी और भद्रावती औद्योगिक क्षेत्र को क्रमश:100-200 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं. प्लग एंड प्ले स्कीम में महिलाओं और युवाओं के लिए खासतौर पर 25 करोड़ रु. दिए हैं।

फॉक्सकॉन पर मानसून सत्र में श्वेतपत्रिका

मंत्री सामंत ने कहा कि फॉक्सकॉन-वेदांता की औद्योगिक इकाई महाराष्ट्र में क्यों नहीं लग सकी? इसका जवाब राज्य की जनता को देने के लिए राज्य सरकार आगामी मानसून सत्र में श्वेतपत्रिका जारी करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की राज्य सरकार से उचित प्रतिसाद न मिलने से, गुजरात की तुलना में मौजूदा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 10 हजार करोड़ रु. का इंसेंटिव देने पर भी यह इकाई बाहर चली गई।

नागपुर में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स अभी नहीं

मंत्री उदय सामंत ने कहा कि कोंकण के रत्नागिरी में प्रस्तावित पेट्रोलियम रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए सॉयल टेस्टिंग वर्क जारी है। इसके लिए वहां मिट्टी के नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। इसकी रिपोर्ट आने पर यह स्पष्ट होगा कि रत्नागिरी में यह प्रोजेक्ट लग सकता है या नहीं? इसके बाद ही नागपुर में पेट्रोलियम कॉम्प्लेक्स के बारे में सोचा जाएगा।

उद्यमियों से जीएसटी वसूली पर रोक

मंत्री उदय सामंत ने कहा कि राज्य की एमआईडीसी के उद्योगों पर 2017 से जीएसटी लागू हुआ है। वर्तमान में केंद्र सरकार ने एमआईडीसी से जीएसटी के 650 करोड़ रुपए वसूलने की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन इसका बोझ उद्यमियों पर न आए, इसके लिए उद्योग विभाग अध्ययन में जुट गया है। इस मसले का स्थायी हल निकालने के प्रयास जारी हैं. तब तक जीएसटी वसूली पर रोक लगाए जाने की जानकारी सामंत ने दी।

औद्योगिक प्लॉट वापस लेगी एमआईडीसी

मंत्री सामंत ने कहा कि मानसून सत्र के बाद नागपुर, चंद्रपुर सहित समूचे विदर्भ के औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा कर उद्यमियों से इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य जरूरतों को लेकर चर्चा की जाएगी। साथ ही, जिन उद्यमियों ने एमआईडीसी क्षेत्र में प्लॉट लेकर निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है, नवसंजीवनी योजना के तहत उनसे यह प्लॉट वापस लेकर नए उद्योगों को दिए जा रहे हैं।

सीडी-सीपीआर (कॉम्प्रीहेंसिव डेवलपमेंट कंट्रोल एंड प्रमोशन रेगुलेशन्स) के जरिए एमआईडीसी क्षेत्र में उद्योगों की सड़क, पानी, होटल, आईटी सेक्टर, डाटा सेंटर आदि की समस्याओं का समाधान निकाला जा रहा है। इसके लिए सीडी-सीपीआर पर आधारित कार्यक्रम क्षेत्रवार लिए जा रहे हैं।

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