नागपुर: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य पुलिस को गुटखा और तंबाकू की खरीद एवं बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ स्वतंत्र रूप से आपराधिक मामले दर्ज करने की अनुमति दे दी है। राज्य में ये पदार्थ प्रतिबंधित हैं। इससे पहले पुलिस को इस तरह के मामलों में शिकायत दर्ज करने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अधिकारियों से आग्रह करना पड़ता था।
सरकार ने पुलिस को दिया निर्देश- गुटखा विक्रेताओं और तस्करों के खिलाफ केस दर्ज करे
अब राज्य सरकार पहले से लागू प्रतिबंध के कड़े क्रियान्वयन के लिए नई नीति लेकर आई है। सरकार ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह गुटखा विक्रेताओं और तस्करों के खिलाफ गैर जमानती अपराध के तहत मामला दर्ज करे। विशेष पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) मिलिंद भराम्बे ने सभी पुलिस इकाईयों को 16 जुलाई को एक परिपत्र जारी कर नए दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी।
अजित पवार ने बैठक में लिया ये फैसला
परिपत्र में कहा गया है कि उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में पांच जुलाई को एक विशेष बैठक हुई थी, जिसमें पुलिस को निर्देश दिया गया कि वह गुटखा विक्रेताओं और तस्करों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई करे।
गुटखा और सुगंधित तम्बाकू की बिक्री और उपभोग पर 2012 से ही महाराष्ट्र में प्रतिबंध लागू है, लेकिन युवाओं में इन पदार्थों के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए पुलिस को स्वतंत्र रूप से मामले दर्ज करने की अनुमति दी गई है।