इतवारी-नागभीड़ ब्रॉडगेजः अब तक नहीं ली जमीन, घोषणा के बाद बीत गए 6 साल, कागजों पर प्रोजेक्ट

By वसीम क़ुरैशी | Published: July 24, 2020 03:40 PM2020-07-24T15:40:10+5:302020-07-24T15:40:10+5:30

इतवारी-नागभीड़ ट्रैक भी दक्षिण पूर्व मध्य रेल मंडल से संबंधित है. 2013-14 में घोषणा और रेलवे की मंजूरी के बाद 25 जून को राज्य सरकार से प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस परियोजना की लागत 1400 करोड़ रुपए है. इसमें 60 फीसदी रकम यानी 840 करोड़ रुपए बैंक से ऋण पर ली जाएगी.

Maharashtra nagpur rail Itwari-Nagbhid Broadgauge Land not taken 6 years passed announcement project paper | इतवारी-नागभीड़ ब्रॉडगेजः अब तक नहीं ली जमीन, घोषणा के बाद बीत गए 6 साल, कागजों पर प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि नवंबर 2019 को इतवारी-नागभीड़ के बीच छोटी लाइन पर आवाजाही बंद कर दी गई थी.  (file photo)

Highlightsमौजूदा ट्रैक पर यदि कोई कछुआ चलता तो वह अपनी औसत गति (1.6 माइल एमपीएच) से अब तक 438 बार आवाजाही कर चुका होता. नागपुर-छिंदवाड़ा और नैनपुर-जबलपुर आमान परिवर्तन में भी काम की यही चाल रही है.अभी अधिग्रहण किया जाना शेष है. रेलवे द्वारा डीपीआर मंजूर किए जाने के बाद 25 जून 2020 को राज्य सरकार ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

नागपुरः किसी काम की धीमी चाल पर अक्सर एक कहावत 'कछुआ चाल' का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इतवारी-नागभीड़ (116 कि. मी.) आमान परिवर्तन परियोजना के मामले में यही कहावत चरितार्थ होती दिखाई दे रही है.

हालांकि, यदि मौजूदा ट्रैक पर यदि कोई कछुआ चलता तो वह अपनी औसत गति (1.6 माइल एमपीएच) से अब तक 438 बार आवाजाही कर चुका होता. नागपुर-छिंदवाड़ा और नैनपुर-जबलपुर आमान परिवर्तन में भी काम की यही चाल रही है.

इतवारी-नागभीड़ ट्रैक भी दक्षिण पूर्व मध्य रेल मंडल से संबंधित है. 2013-14 में घोषणा और रेलवे की मंजूरी के बाद 25 जून को राज्य सरकार से प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस परियोजना की लागत 1400 करोड़ रुपए है. इसमें 60 फीसदी रकम यानी 840 करोड़ रुपए बैंक से ऋण पर ली जाएगी.

रेलवे व राज्य सरकार की हिस्सेदारी 20-20% की होगी

इसके अलावा रेलवे व राज्य सरकार की हिस्सेदारी 20-20% की होगी. इसका निर्माण महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमआरआईडीसी) के जरिए होगा. एमआरआईडीसी के जनसंपर्क अधिकारी विनीत टोके ने बताया कि वर्तमान में लैंड सर्वे का काम चल रहा है.

अभी अधिग्रहण किया जाना शेष है. रेलवे द्वारा डीपीआर मंजूर किए जाने के बाद 25 जून 2020 को राज्य सरकार ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि नवंबर 2019 को इतवारी-नागभीड़ के बीच छोटी लाइन पर आवाजाही बंद कर दी गई थी. 

परियोजना पर प्रत्यक्ष रूप में काम शुरू करने के साथ इसे 18 माह में पूर्ण करना है

बॉक्स 18 महीने में करना है ब्रॉडगेज परिवर्तन परियोजना पर प्रत्यक्ष रूप में काम शुरू करने के साथ इसे 18 माह में पूर्ण करना है. एमआरआईडीसी के मुताबिक इतवारी-नागभीड़ के बीच छोटी लाइन को ब्रॉडगेज लाइन में तब्दील करने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाएगा.

बहरहाल अभी तो नैरोगेज लाइन के उखाड़ने की शुरुआत भी नहीं हुई है. सूत्रों के अनुसार इतवारी-नागभीड़ के बीच 8 गांव में से 6 गांव में लैंड सर्वे का काम हो चुका है. आठ गांवों में 31 हिस्सों पर मोड़ वाले हिस्सों को सीधा बनाने के लिए जमीन की जरूरत पड़ रही है.

उल्लेखनीय है कि नवंबर 2019 के पहले तक जब नैरोगेज ट्रेन यहां चलती थी तो इसकी रफ्तार 25 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा हुआ करती थी. ब्रॉडगेज लाइन बन जाने के बाद नए ट्रैक पर 6 गुना अधिक यानी 160 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रेन दौड़ाई जा सकेगी.

इस रूट के जरिए पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है. वहीं रेलमार्ग से लगे गांवों के लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल सकते हैं लेकिन फिलहाल जमीनी स्तर पर काम के शुरू ही न हो पाने के चलते ये सब 'दूर की कौड़ी' प्रतीत हो रहे हैं.

Web Title: Maharashtra nagpur rail Itwari-Nagbhid Broadgauge Land not taken 6 years passed announcement project paper

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