महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी ने गोपीचंद पडलकर को बनाया बारामती से उम्मीदवार, नजरें पवार 'परिवार' के गढ़ में सेंध लगाने पर!
By अभिषेक पाण्डेय | Updated: October 1, 2019 11:33 IST2019-10-01T11:23:15+5:302019-10-01T11:33:13+5:30
Gopichand Padalkar: बीजेपी ने वीबीए के दिग्गज नेता गोपीचंद पडलकर को बारामती से अपना उम्मीदवार बनाया है, वह एनसीपी के अजीत पवार को देंगे टक्कर

बीजेपी ने अजीत पवार के खिलाफ गोपीचंद पडलकर को उतारा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ गई हैं, लेकिन विपक्षी कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं का बीजेपी में शामिल होना जारी है।
सोमवार को जो नेता बीजेपी से जुड़े उनमें वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के गोपीचंद पडलकर, एनसीपी की नमिता मुंदड़ा, कांग्रेस के गोपालदास अग्रवाल और काशीराम पवारा शामिल हैं।
बीजेपी से जुड़े चार नेताओं को बनाया गया उम्मीदवार
बीजेपी जॉइन करने के तुंरत बाद ही इन चारों को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। पडलकर को जहां बारामती से उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं नमिता मुंदड़ा कैग (बीड) से, गोपालदास अग्रवाल को गोंडिया से और काशीराम पवारा को शिरूर सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया।
गोपीचंद पडलकर को बीजेपी ने बारामती से उतारा
वहीं प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के धनगड़ समुदाय से आने वाले गोपीचंद पडलकर ने भी सोमवार सुबह बीजेपी जॉइन कर ली। बीजेपी ने उन्हें शरद पवार के मजबूत गढ़ बारामती से उतारने की घोषणा की है।
2014 के विधानसभा चुनावों में शरद पवार के भतीजे अजीत ने बारामती से चुनाव जीता था, लेकिन इस बार इस सीट पर एनसीपी किसे उतारेगी इसे लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है।
हालांकि अजीत पवार के इस बार भी चुनाव लड़ने की संभावना है, लेकिन उनके नाम के ऐलान में हो रही देरी से कुछ अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। अजीत पवार ने महाराष्ट्र में कथित बैंक घोटाले में नाम आने के बाद शुक्रवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी में गोपीचंद पडलकर का स्वागत करते हुए उन्हें 'चीते' की पदवी दी और कहा कि उनमें दिग्गज को हराने की क्षमता है।
वहीं गोपीचंद ने भी मुख्यमंत्री फडणवीस की तारीफ की और उन्हें महाराष्ट्र के लिए भगवान का तोहफा बताया।
बीजेपी धनगड़ समुदाय से आने वाले गोपीचंद के बल पर बारामती में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही हैं, क्योंकि इस विधानसभा सीट पर इस समुदाय की अच्छी-खासी तादाद है।
बारामती रहा है शरद परिवार का गढ़
बारामती को हमेशा से ही शरद पवार का गढ़ माना जाता रहा है। एनसीपी प्रमुख बारामती से एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। उनके राष्ट्रीय राजनीति में जाने के बाद 1991 से ही अजीत पवार इस सीट पर एनसीपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
2014 के विधानसभा चुनावों में अजीत पवार ने बीजेपी प्रत्याशी को 90 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी। यहां तक 2019 में बीजेपी लहर में भी एनसीपी की सुप्रिया सुले को बारामती विधानसभा क्षेत्र से 1.27 लाख वोट मिले थे और उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वंदी बीजेपी की कंचन कौल को मात दी थी।
बारामती में धनगड़ समुदाय के 80 हजार वोटर्स हैं, और बीजेपी की नजरें उन्हें अपनी ओर खींचने पर है। लेकिन बीजेपी के लिए एनसीपी का किला ढहाना इतना आसान नहीं हैं, क्योंकि यहां मराठा वोटों की संख्या 2 लाख से ज्यादा है, और उन्हें एनसीपी का समर्थक माना जाता रहा है।
नमिता मुंदड़ा के पार्टी छोड़ने से एनसीपी को झटका
सोमवार को शिरपुर और गोंडिया से कांग्रेस विधायकों काशीराम पवारा और गोपालदास अग्रवाल बीजेपी में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी और शिवसेना की जबर्दस्त जीत के बाद से ही विपक्षी दलों कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं का बीजेपी में शामिल होना जारी है।
इन दोनों के साथ ही एनसीपी की नमिता मुंदड़ा भी राज्य मंत्री पंकजा मुडे और राज्यमंत्री पार्टी सासंद प्रीतम मुंडे की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गईं।
नमिता का बीजेपी में शामिल होना एनसीपी के लिए बड़ा झटका है क्योंकि पार्टी प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में उन्हें बीड से एनसीपी का उम्मीदवार घोषित किया था। अब पवार को नमिता की जगह लेने वाले उम्मीदवार को ढूंढना होगा, क्योंकि नामांकन की आखिरी तिथि 4 अक्टूबर है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए मतदान 21 अक्टूबर को और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी।