महाराष्ट्र चुनाव: देवेंद्र फड़नवीस का दिग्गजों को टिकट ना देने पर बयान, 'टिकट नहीं काटे गए, जिम्मेदारियां बदली गई हैं'
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 5, 2019 08:40 IST2019-10-05T08:40:20+5:302019-10-05T08:40:20+5:30
Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने दिग्गज नेताओं को ना उतारने पर कहा, उनके टिकट नहीं काटे गए हैं, जिम्मेदारी बदली गई है

देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, बीजेपी-शिवसेना गठबंधन दर्ज करेगा जोरदार जीत
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि भाजपा में जिन बड़े नेताओं के टिकट काटे गए हैं उन्हें दूसरी जिम्मेदारी दी जाएगी। इसे टिकट काटना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी बदलना कहा जाना चाहिए। पार्टी में यह होता रहता है। लोगों की जिम्मेदारी बदली जाती है। फडणवीस और शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार शाम संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में औपचारिक रूप से भाजपा, शिवसेना और अन्य दलों के गठबंधन (महायुति) की घोषणा की।
हालांकि शुक्रवार को ही नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था। फडणवीस से जब दिग्गज नेताओं के टिकट काटने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन नेताओं की जिम्मेदारी बदली जा रही है, उनके टिकट नहीं काटे गए हैं।
इससे पहले भी जिम्मेदारियां बदली गई हैं। भाजपा और शिवसेना में होने वाली बगावत पर उन्होंने कहा कि बगावत करने वालों को दो दिन में पर्चे वापस लेने के लिए कहा जाएगा। यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो गठबंधन में उनकी कोई जगह नहीं होगी, उन्हें उनकी जगह दिखा दी जाएगी।
फड़नवीस ने कहा, हिंदुत्व के धागे ने बीजेपी-शिवसेना को जोड़े रखे
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा और शिवसेना को जोड़ने वाला हिंदुत्व का धागा कायम है। जनता की चाह थी कि महायुति होनी चाहिए। उसी के अनुरूप हम आगे बढ़े हैं। महायुति करते समय सभी को कोई न कोई समझौता करना पड़ा है। सहमति बनाने के लिए ऐसा करना पड़ता है। उन्होंने भरोसा जताया कि महायुति को महाजनादेश मिलेगा। महायुति को इतना समर्थन मिलेगा, जो पहले किसी को नहीं मिला होगा।
शिवसेना के युवा नेता और पहली बार चुनाव लड़ने वाले आदित्य ठाकरे के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि वे जल्द ही हमारे साथ विधानसभा में दिखाई देंगे। मुंबई में वे सबसे ज्यादा वोटों के साथ चुने जाएंगे। वे राज्यभर घूम रहे हैं, उन्हें समर्थन मिल रहा है। खुशी की बात है कि एक युवा नेतृत्व सामने आ रहा है।
कौन बड़ा, कौन छोटा? उद्धव ठाकरे से जब यह पूछा गया शिवसेना ने छोटा भाई बनना क्यों पसंद किया तो उन्होंने कहा कि सारी चीजें आंकड़ों पर निर्भर नहीं होतीं। कुछ बातें बैठकर तय की जाती हैं। छोटा भाई या फिर बड़ा भाई के विवाद में न पड़ते हुए यह देखना जरूरी है कि दो भाई नाता कायम रखते हुए आगे बढ़ रहे हैं. इसका हमें संतोष है।