महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी मंत्री एकनाथ खड़से के बजाय उनकी पुत्री को उम्मीदवारी! विनोद तावड़े का टिकट 'शाह दरबार' में अटका
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 3, 2019 08:18 IST2019-10-03T08:18:37+5:302019-10-03T08:18:37+5:30
Eknath Khadse, Vinod Tawde: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी द्वारा जारी दूसरी लिस्ट में दो मंत्रियों एकनाथ खड़से और विनोद तावड़े के नाम नहीं हैं

बीजेपी की दूसरी लिस्ट से भी गायब एकनाथ खड़से, विनोद तावड़े का नाम
यदु जोशी। मुंबई। पूर्व राजस्व मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से और उच्च शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े का विधानसभा का टिकट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दरबार में अटक गया है। पार्टी हाईकमान की ओर से यह निर्देश दिया गया है कि खड़से को उम्मीदवारी देने के बजाय उनकी पुत्री रोहिणी खड़से-खेवलकर को मौका दिया जाए। दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की उम्मीदवारी को लेकर भी भ्रम बना हुआ है।
बुधवार रात घोषित भाजपा की दूसरी सूची में भी उनका नाम नहीं है, हालांकि उनके परंपरागत निर्वाचन क्षेत्र कामठी से अभी भी पार्टी ने उम्मीदवार तय नहीं किया है। फड़नवीस सरकार में राजस्व मंत्री रहते खड़से विवाद मे घिर गए थे और उनको इस्तीफा देना पड़ा था।
ऐसा माना जा रहा था कि खड़से को निश्चित रूप से विधानसभा की उम्मीदवारी दी जाएगी। लेकिन मंगलवार को घोषित की गई पहली और बुधवार को घोषित दूसरी सूची में उनका नाम नहीं आया। इसलिए यह चर्चा शुरू हो गई कि मुक्ताईनगर (जि.जलगांव) से उनका पत्ता कट गया है।
हाईकमान ने दिया है खड़से को टिकट न देने का निर्देश!
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार दिल्ली से यह निर्देश आया है कि खड़से को उम्मीदवारी नहीं दी जाएगी। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उत्तर महाराष्ट्र और विदर्भ के एक-दो जिलों की राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए खड़से को जातीय आधार पर उम्मीदवारी देने की जरूरत बताई, पर पार्टी हाईकमान ने उस पर सकारात्मक रुख नहीं दर्शाया। विकल्प के रूप में खड़से की पुत्री रोहिणी खड़से-खेवलकर के नाम पर विचार करने का निर्देश दिया गया। हालांकि इस पर भी अंतिम निर्णय होना बाकी है।
विनोद तावड़े भी अटके!
विनोद तावड़े की भी बोरिवली निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिल्ली में अटक गई है। उनके लिए मुख्यमंत्री प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के एक सूत्र ने बताया कि तावड़े ने बुधवार सुबह प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल से मुलाकात की। खड़से तथा तावड़े को उम्मीदवारी देना प्रदेश भाजपा नेतृत्व के हाथ में होता तो अब तक निर्णय हो चुका होता। लेकिन, निर्णय दिल्ली में अटका हुआ है।
रोहिणी खड़से-खेवलकर जलगांव जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक की अध्यक्ष हैं। उनको उम्मीदवारी दिए जाने से खड़से और समाज की भी नाराजगी कम होगी और खड़से के घर में उम्मीदवारी भी बरकरार रहेगी.