21 अक्टूबर को होने वाले आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को देखते हुए आपत्तिजनक पोस्ट के प्रसार को रोकने के लिए पुलिस वॉट्सऐप ग्रुप के ऐडमिन को नोटिस जारी कर रही है।
इस नोटिस के मुताबिक वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिंस से कहा गया है कि वहे अपने ग्रुप के सदस्यों को ऐसी किसी भी राजनीतिक आलोचना या टिप्पणी करने से रोकें, जिससे भावनाएं भड़क सकती हैं।
पुलिस ने जारी किया वॉट्सऐप ग्रुप ऐडमिन को नोटिस
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'कई राजनेता अपनी वफादारी बदल रहे हैं और सतारूढ़ पार्टियों में शामिल हो रहे हैं, और उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुपों पर निशाना बनाया जा रहा है और लताड़ा जा रहा है ... इस तरह की आलोचना, टिप्पणी या चर्चाओं से सदस्यों के बीच तकरार बढ़ सकती है।'
अधिकारी ने कहा, कि वॉट्सऐप पर शब्दों की जंग से तब कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है, जब सदस्य एक ही क्षेत्र से आते हों और निजी तौर पर एक दूसरे को जानते हों।
अधिकारी ने कहा, 'इससे बचने के लिए पुणे पुलिस ने सेक्शन 149 के तहत आपराधिक प्रक्रिया संहिता और महाराष्ट्र पुलिस के धारा 68 के तहत नोटिस जारी किया है।'
ये प्रावधान पुलिस को संज्ञेय अपराध के मामले में उचित कार्रवाई का अधिकार देते हैं। उन्होंने कहा, 'नोटिस ग्रुप ऐडमिन को बताता है कि वह अपने सदस्यों से राजनीतिक टिप्पणियां न करने को कहे।'
उन्होंने कहा, अगर किसी वॉट्सऐप ग्रुप के किसी सदस्य के कमेंट से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है तो उसके सदस्यों और ग्रुप ऐडमिन को इसका जिम्मेदार माना जाएगा।
एक ऐसे ही नोटिस में, 'स्मार्ट परगांव विलेज' वॉट्सऐप ग्रुप के ऐडमिन को जारी नोटिस में, नारायणगांव पुलिस ने उसके सदस्यों को आपत्तिजनक राजनीतिक टिप्पणियों और निजी कमेंट्स न करने को कहा है।
स्थानीय पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अर्जुन घोड़े पाटिल ने कहा, 'कम से कम 68 नोटिस नारायणगांव में चलने वाले वॉट्सऐप ग्रुप ऐडमिन को भेजा गया है।'
साथ ही पुलिस यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यूजर्स को भी नोटिस जारी कर रही है और उनसे ऐसे वीडियो पोस्ट करने से बचने को कह रही है, जिससे शांति-व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है।