ढेरों अटकलों के बाद आखिरकार वर्ली विधानसभा सीट से शिवसेना के आदित्य ठाकरे के खिलाफ एनसीपी ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है। आदित्य चुनाव लड़ने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हैं। एनसीपी ने उनके खिलाफ एडवोकेट सुरेश माने को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है।
माना जा रहा था कि सुप्रिया सुले के पहली बार चुनाव लड़ने के समय बालासाहेब ठाकरे ने उनके लिए अपना जो समर्थन दिखाया था, कुछ वैसा ही अब शरद पवार आदित्य के समय में करेंगे।
सुप्रिया सुले के खिलाफ बाल ठाकरे ने नहीं उतारा था उम्मीदवार
2006 में जब सुप्रिया सुले ने पहली बार राज्यसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, तो बाल ठाकरे ने उनके खिलाफ ये कहकर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था कि उन्हें गर्व है कि महाराष्ट्र की बेटी दिल्ली जा रही है।
आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को वर्ली से अपना नामांकन दाखिल किया। उनके चुनाव लड़ने को लेकर शिवसैनिकों में जबर्दस्त उत्साह है। उन्होंने कहा, 'पहली बार कोई ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं। वह हमारे युवा हीरो हैं, वह शिवेसना के बाघ हैं।'
क्या एनसीपी के सुरेश माने दे पाएंगे आदित्य ठाकरे को टक्कर?
एनसीपी के सुरेश माने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। लेकिन शिवसेना इसे खतरे को तौर पर नहीं मान रही है, क्योंकि वह पहले ही पूर्व एनसीपी नेता सचिन अहीर को अपने पाले में कर चुकी है। सचिन पिछले कुछ सालों से वर्ली में शिवसेना के लिए खतरा रहे हैं। अब उनके पार्टी में शामिल होने से शिवसेना ने वर्ली में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है।
शिवसेना के नेताओं का कहना है कि वर्ली से आदित्य ठाकरे को इसलिए उतारा है क्योंकि इसे सेना की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है और अब पूर्व एनसीपी नेता सचिन अहीर के भी पार्टी में शामिल हो जाने से ठाकरे की जीत की राह आसान हो गई है।
शिवसेना की नजरें एनडीए के दोबारा सत्ता में आने पर आदित्य को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने पर है। उद्धव ठाकरे ने पिछले हफ्ते अपने दिवंगत पिता बाल ठाकरे से किए अपने वादे को याद किया कि वह एक दिन शिव सैनिक को महाराष्ट्र का सीएम जरूर बनाएंगे।