महाराष्ट्र चुनाव: टिकट ना मिलने पर एकनाथ खड़से का बयान, '40-42 वर्षों से पार्टी की आज्ञा मानी है, अब भी मानूंगा'
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 4, 2019 08:22 IST2019-10-04T08:22:53+5:302019-10-04T08:22:53+5:30
Eknath Khadse: बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने टिकट न मिलने पर कहा है कि वह पार्टी के आदेशों का पालन करेंगे

एकनाथ खड़से ने कहा कि वह पार्टी का आदेश मानेंगे
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से का नाम शामिल नहीं है। इस बीच खड़से ने बुधवार को कहा कि वह पार्टी के निर्देश का पालन करेंगे। खड़से ने जलगांव जिले के मुक्ताईनगर विधानसभा क्षेत्र में संवादाताओं से कहा, ''मैं कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से पहले भी कह चुका हूं कि अगर मेरा स्वास्थ्य ठीक रहेगा, तभी मैं चुनाव लडूंगा।''
मीडिया में आई उन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि पार्टी ने उन्हें राज्यपाल पद की पेशकश की है, उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं ,जो पार्टी के आदेश का पालन करता है। मैंने 40-42 वर्ष पार्टी की आज्ञा मानी है। ये आदेश मेरे लिए पीड़ादायक रहे हों, मेरी इच्छा के विपरीत रहे हों, लेकिन मैंने आदेशों का पालन किया है। उन्होंने कहा,''ऐसा एक भी उदाहरण नहीं है कि मैंने पार्टी का आदेश नहीं माना हो, इसलिए पार्टी जो भी निर्णय करेगी, मैं उसका पालन करूंगा।''
इससे पहले आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी हाईकमान खड़से के बजाय उनकी बेटी रोहिणी खड़से-खेवलकर को टिकट देने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक, खड़से को टिकट न दिए जाने का निर्देश दिल्ली से आया है।
इससे पहले टिकट ने मिलने से नाराज एकनाथ खड़से ने मंगलवार को जलगांव जिले की मुक्ताईनगर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। अपने साथ हुए बर्ताव पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर पार्टी के प्रति वफादार बने रहना अपराध है, तो उन्होंने यह अपराध किया है।